

जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर के समीपस्थ ग्राम जर्वे (ब) में शासन के नियम-कायदों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से कोठार में बीआर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है, जहां कक्षा नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को प्रवेश देकर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराने का दावा किया जा रहा है परंतु, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है। यहां न तो व्यवस्थित भवन है और न ही प्रशिक्षित स्टॉफ हैं। कोठार में स्कूल के नाम पर चंद कमरें हैं, जिनकी हालत तबेले जैसी है। इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी है मगर, संबंधित स्कूल संचालक के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, बलौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम जर्वे (च) में कोठार (खलिहान) में बीआर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है, जहां अंग्रेजी माध्यम से कक्षा नर्सरी से आठवीं तक पढ़ाई कराने का दावा किया जा रहा है परन्तु, इस स्कूल की हालत तबेले से कम नहीं है। यहां न तो कक्षावार व्यवस्थित कमरें हैं और न ही प्रशिक्षित स्टॉफ हैं। अग्निशमन यंत्र, पेयजल, खेल मैदान, पुस्तकालय, शौचालय आदि की तो बात ही छोड़िए। सबसे खास बात यह है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इस स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या करीब 200 है, जिन्हें अध्यापन कराने के लिए जिन लोगों को शिक्षक नियुक्त किया गया है, उनमें से ज्यादातर लोगों ने डीएड, स्नातक सहित अन्य आवश्यक कोर्स तक नहीं किया है। इसके अलावा यहां विद्यार्थियों को घर से लाने और घर तक छोड़ने के लिए जिन वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, वे कंडम हालात में हैं। इसके बावजूद, विभागीय अधिकारियों द्वारा स्कूल संचालक के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
बता दें कि कुछ वर्ष पहले शिक्षा विभाग ने नियम विरुद्ध संचालित निजी स्कूलों पर लगाम कसने के लिए बेहतर तरीके से जांच के निर्देश दिए थे। मगर, शिक्षा विभाग यहां निजी स्कूल संचालकों की सेटिंग और मनमानी का खेल खत्म करने में नाकाम साबित हुआ है।
तबेले जैसे चंद कमरों में कक्षाएं – बलौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जर्वे (च) में संचालित बीआर पब्लिक स्कूल में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। यहां कोठार परिसर में निर्मित तबेले जैसे चंद कमरों में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, जहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल-कुर्सी, शौचालय, खेल मैदान, लाइब्रेरी आदि की व्यवस्था नहीं है।
स्कूल में प्रशिक्षित स्टाॅफ भी नहीं – बीआर पब्लिक स्कूल जर्वे के संचालक द्वारा शासन के किसी भी नियम-कायदे का पालन करना जरूरी नहीं समझा जा रहा है। इस स्कूल में तमाम अव्यवस्थाएं तो हैं ही, वहीं प्रशिक्षित स्टाॅफ भी नहीं है। जबकि, शासन ने नियम बना रखा है कि कक्षा नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने लिए डीएड प्रशिक्षित शिक्षक होने जरूरी है। मगर, यहां जिन लोगों को शिक्षक नियुक्त किया गया है, उन लोगों के पास अध्यापन कार्य कराने के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता ही नहीं है।

“मामले की लिखित शिकायत मिलने अथवा अखबार में समाचार प्रकाशित होने के आधार पर संबंधित स्कूल में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया जाएगा और अव्यवस्था पाए जाने पर स्कूल संचालक के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।” – पुष्पा कोरी, एबीईओ, बलौदा …





