हनुमान छाप सिक्का का लालच दिखाकर 6 लाख रुपये की ठगी करने वाला फरार आरोपी चढा पुलिस के हत्थे …
जांजगीर-चांपा। आरोपी कोरोना काल के बाद रायपुर में छुप कर रह रहा था गांव आने पर मुखबिर सूचना से घेराबंदी कर पकड़ा गया।आरोपी के विरूद्ध 420,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध।आरोपी हरिराम कुर्रे को आज गिरफ्तार कर भेजा गया न्यायिक रिमांण्ड पर।आरोपी सुरेंद्र लहरे को पूर्व में दिनांक 23 जनवरी 22 को गिर. कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जा चुका है। मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी चतुर सिंह सूर्यवंशी उम्र 57 निवासी खिसोरा पहरीपारा थाना बलौदा द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जांच में पाया गया कि हरीराम उर्फ भुरू कुर्रे एवं सुरेन्द्र कुमार उर्फ गुडडू लहरे दोनो प्रार्थी चतुरराम के घर आये और हनुमान छाप सिक्का को अधिक कीमत में बेचने का लालच दिखाकर अपने झांसा में लेकर सिक्का को 6 लाख रूपये कीमती बताकर दिनांक 7 मार्च 2019 को आरोपी सुरेन्द्र लहरे एवं हरीराम कुर्रे दोनो योजना बध्द तरीके से चतुर सिंह के घर पहुंचे। चतुर सिंह इन दोनो के झांसे में आकर 6 लाख रूपया अपने रिस्तेदार से लाकर आरोपी सुरेन्द्र लहरे एवं हरीराम कुर्रे को दिया। आरोपीगण प्रार्थी को लेकर हनुमान छाप सिक्का देने के लिये बेलटुकरी जंगल की ओर बुलाये और पैसे को बेलटुकरी जंगल में छिपाकर प्रार्थी के पास वापस आये और बतलाये कि हनुमान सिक्का देने वाला कल देगा कहते हुये तीनो चतुर सिंह के घर आ गये। प्रार्थी द्वारा दोनो व्यकितयों से हनुमान छाप सिक्का मांगा गया नही देने पर अपने पैसे की मांग किया गया। दोनों आरोपियों द्वारा पैसा वापस नही करने पर जांच पर धारा 420,34 भादवि पंजीबध्द किया गया। विवेचना के दौरान आरोपी सुरेन्द्र लहरे से पुछताछ कर मेमोरेण्डम कथन लिया गया जिसमे हरीराम के साथ मिलकर ठगी करके 6 लाख रूपये लेना जिसे आपस में 3-3 लाख रूपया बांट लेना अपने हिस्से के अधिकांश रकम को खाने पीने में खर्च कर देना बताया। आरोपी को पूर्व में दिनांक 23 जनवरी 22 को गिर. कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया था। प्रकरण का 01 अन्य आरोपी फरार था जिसकी लगातार पतासाजी की जा रही थी। फरार आरोपी हरिराम कुर्रे के दिनांक 17 मार्च को उसके घर आने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल बलौदा पुलिस द्वारा दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर रकम को खाने पीने में खर्च करना बताया गया। आरोपी के कब्जे से 15,00/ रूपये बरामद कर दिनाँक 17 मार्च 23 को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।आरोपी को गिरफ्तार करने में उप निरी. गोपाल सतपथी, सउनि कृष्णपाल सिंह कंवर आर. दिलीप माथुर , जितेन्द्र कुर्रे एवं लखेश विश्वकर्मा का सराहनीय योगदान रहा।