चांपा के हनुमान मंदिर ट्रस्ट में नए सर्वराकार की नियुक्ति आनन फानन में कर दी गई, श्री मणिराम सेवा छावनी ट्रस्ट अयोध्या ने दर्ज कराई थी आपत्ति, एसडीएम के आदेश की उड़ी धज्जियां …
जांजगीर चांपा। तपसी बाबा हनुमान मंदिर ट्रस्ट के महंत नरोत्तम दास के निधन के बाद नए सर्वराकार की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। श्री मणिराम सेवा छावनी ट्रस्ट अयोध्या के विरोध और चांपा एसडीएम की रोक के बावजूद नए सर्वराकार की नियुक्ति कर दी गई है। इस मामले से एक बार फिर चर्चा का बाजार गरम है। लोगों का आरोप है पहले ही स्थानीय ट्रस्ट की भूमि का निजी और व्यावसायिक उपयोग किया जाता रहा है। जल्दबाजी में नए सर्वराकार की नियुक्ति करना कई सवालों को जन्म देता है। इस मामले में प्रशासन के निर्देश का उल्लंघन करने पर अब देखना होगा कि प्रशासन करता है या नहीं।
आपको बता दें की कलांतर में महंत शंकर दास की तपसी बाबा हनुमान मंदिर चांपा ट्रस्ट में नियुक्ति श्री मणिराम सेवा छावनी ट्रस्ट अयोध्या ने की थी। महंत शंकर दास के निधन से पहले ट्रस्ट अयोध्या ने महंत नरोत्तम दास को तपसी बाबा हनुमान मंदिर चांपा का सर्वराकार नियुक्त किया था। लेकिन महंत नरोत्तम दास ने अपने निधन से पहले किसी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया था और ना ही इस बारे में किसी को इसकी जानकारी है। यहां तक ट्रस्ट अयोध्या ने नए सर्वराकार की नियुक्ति को लेकर विरोध जताया है। ट्रस्ट अयोध्या ने जांजगीर चांपा कलेक्टर को पत्र लिखकर इस पूरे मामले में आपत्ति दर्ज कराई थी। लेकिन इन सब के बावजूद नए सर्वरकर की नियुक्ति आनन फानन में कर दी गई है। इस मामले में लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है पहले ही तपसी बाबा हनुमान मंदिर ट्रस्ट की भूमिका का लोग मनमाने तरीके से व्यवसाय उपयोग किया जा रहा है। इस तरह अभी हुई जल्दबाजी में नए सर्वराकार की नियुक्ति को लेकर किसी बड़ी साजिश रची गई है, तभी तो प्रशासन और ट्रस्ट अयोध्या को भी नजरअंदाज कर चुनौती दे दी गई है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई करता है या नहीं।
नए सर्वराकार ने वसीयत का किया दावा -इधर इस पूरे मामले में एक नया मोड़ सामने आ गया है उन्होंने दावा करते हुए कहा कि महंत नरोत्तम दास ने अपने मृत्यु से पहले उसे अपना उत्तराधिकारी तय किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक बेटे की तरह स्व. महंत नरोत्तम दास की सेवा की है, जिसके चलते उन्हें उत्तराधिकारी बनाया है।