साइबर सेल द्वारा गुम मोबाइल लौटाने के नाम पर वसूली का खेल, आम जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता …

जांजगीर-चांपा। जिले में साइबर सेल द्वारा गुम हुए मोबाइल फोन लौटाने के नाम पर अवैध वसूली किए जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। हाल ही में एक मामले के प्रकाश में आने के बाद इस पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे आम जनता में असंतोष और चिंता व्याप्त है। ऐसी घटनाओं से साइबर सेल की साख पर सवाल उठते हैं और भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, साइबर सेल जांजगीर द्वारा प्रार्थियों से उनके गुम मोबाइल फोन वापस दिलाने के बदले पैसों की मांग करते हैं। मजबूर होकर कई लोग अपने फोन पाने के लिए यह अवैध रकम अदा कर देते हैं। यह भ्रष्टाचार लंबे समय से जारी रहने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।इस तरह के मामले सामने आने के बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या जिले के उच्च अधिकारी इस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करेंगे या इसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा? अगर इस भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा और आम नागरिकों को उनके ही मोबाइल वापस पाने के लिए पैसे देने पर मजबूर किया जाता रहेगा।
इस संदर्भ में, उच्च अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे इन आरोपों की गंभीरता से जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे भ्रष्टाचारपूर्ण क्रियाकलापों पर अंकुश लगाना मुश्किल होगा, और आम जनता को मोबाइल लौटाने के नाम पर वसूली का सामना करना पड़ता रहेगा।
आम जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता – यदि किसी अधिकारी द्वारा गुम मोबाइल लौटाने के बदले पैसे की मांग की जाती है, तो इसकी शिकायत तुरंत उच्च अधिकारियों या भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से करें, ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके।
पैसे नही देने या शिकायत करने पर गुम मोबाइल नही मिलने का देते है हवाला- गुम मोबाइल मिलने के बाद साइबर टीम के द्वारा प्रार्थी को जानकारी दी जाती है और ऑफिस बुलाया जाता है। प्रार्थी को उनके मोबाइल का लोकेशन मिलने की जानकारी देते है और यह कहा जाता है कि दूसरे राज्य में है जाना पड़ेगा उसका आने जाने का खर्चा लगेगा। प्रार्थी से 2 से 3 हजार रुपये तक कि मांग की जाती है।नही देने या शिकायत करने पर उनके मोबाइल रिकवर नही होने का हवाला दिया जाता है।