राम नाम महायज्ञ : चांपा में 150 वर्षों से अनवरत चल रहा है श्रद्धा, भक्ति और शांति का महायज्ञ …


चांपा। कोसा, कंसा और कंचन की नगरी कहे जाने वाले चांपा नगर के मध्य स्थित श्री राम मंदिर टेकारीपारा में एक ऐसा आयोजन पिछले 150 वर्षों से निरंतर जारी है, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति का भी केंद्र बन गया है। यह आयोजन है – अखंड राम नाम समास महायज्ञ, जिसमें प्रतिदिन “राम नाम” का संकीर्तन किया जाता है।


यह महायज्ञ वर्ष के प्रत्येक दिन बिना रुके सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक चलता है। प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर राम नाम का जाप करते हैं। आयोजन समिति के अनुसार यह महायज्ञ किसी विशेष मांग या इच्छा पूर्ति हेतु नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव कल्याण, विश्व शांति, समाजिक समरसता और आध्यात्मिक जागरण हेतु किया जा रहा है।

29 जुलाई को इस वर्ष के आयोजन की भव्य शुरुआत हुई, जिसमें पूरे नगर से श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आयोजन की शुरुआत पूजन, भजन, कीर्तन और श्रीराम के जयकारों के साथ हुई। स्थानीय भक्तों के साथ-साथ बाहर से भी भजन मंडलियों ने अपनी प्रस्तुति दी और वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
राम नाम को शास्त्रों में कलियुग का सबसे प्रभावी साधन माना गया है। इस नाम के जाप से व्यक्ति के सभी दुःख-दर्द दूर होते हैं। यह केवल धार्मिक भावना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रयोग है, जिसमें हर व्यक्ति अपने जीवन के विकारों को समाप्त कर आत्मिक शांति की ओर अग्रसर होता है।राम मंदिर परिसर में प्रतिदिन साफ-सफाई, भंडारा, जल सेवा, प्रसाद वितरण जैसे कार्यों को भी श्रद्धालु सेवा भाव से कर रहे हैं। आयोजन समिति का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को “राम नाम” की महिमा से जोड़ना है ताकि भौतिकता की दौड़ में उलझे आज के युवाओं को भी अध्यात्म की ओर आकर्षित किया जा सके।
आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह किसी एक जाति, वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है। राम नाम का यह सामूहिक जाप सभी के लिए है — इसमें हिन्दू, जैन, बौद्ध सहित अन्य धर्मों के अनुयायी भी श्रद्धा से भाग ले रहे हैं। यह आयोजन चांपा नगर को “राम मय” बना रहा है।राम नाम समास महायज्ञ चांपा के लिए गर्व का विषय बन चुका है, जो आस्था, सेवा, सद्भाव और अध्यात्म का संगम है। आयोजकों ने समस्त नगरवासियों से अनुरोध किया है कि वे इस दिव्य अनुष्ठान में सहभागी बनकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।