

जांजगीर-चांपा। कलेक्टर जन्मेजय महोबे आज बम्हनीडीह विकासखंड के ग्राम सोंठी में ऑयल पाम की खेती का अवलोकन किया। कलेक्टर ने किसानों से चर्चा कर ऑयल पाम खेती के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह फसल किसानों के लिए दीर्घकालिक आमदनी का मजबूत साधन बन सकती है। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा पौधरोपण, सिंचाई, तकनीकी मार्गदर्शन एवं सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही प्रारंभिक वर्षों में आय सुनिश्चित करने हेतु अंतरवर्ती फसलों की खेती पर भी सहायता उपलब्ध है। उन्होंने जिले में ऑयल पाम खेती को विशेष अभियान के रूप में आगे बढ़ाने की बात कही, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।


कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग एवं कृषि विभाग को निर्देशित कर कहा स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ते हुए उन्हे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जाए और उन्हे प्रशिक्षण भी मुहैया कराया जाएगा। जिससे वह बेहतर स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो सकेगी और आर्थिक रूप से मजबूत बनेगी। निरीक्षण के दौरान उप संचालक कृषि ललित मोहन भगत, सहायक संचालक उद्यानिकी श्रीमती रंजना माखीजा, कृषि विभाग के अधिकारी, स्थानीय किसान और महिला समूह की सदस्य उपस्थित थी।
सहायक संचालक उद्यानिकी ने बताया कि जिले में ऑयल पाम खेती के लिए 500 हेक्टेयर का लक्ष्य है। ऑयल पाम योजना के तहत् प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये मूल्य के 143 पौधे निः शुल्क दिए जा रहे हैं। पौध रोपण, फेंसिंग, सिंचाई, रखरखाव और अंतरवर्तीय फसलों की कुल लागत लगभग चार लाख रूपए प्रति हेक्टेयर आती है। इस पर केन्द्र सरकार द्वारा 1.30 लाख रुपए तथा राज्य शासन द्वारा 1.29 लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अंतरवर्ती फसल, बोरवेल, पम्प सेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, पॉम कटर, वायर मेश, मोटारोईज्ड चिस्ल, टेªक्टर ट्राली के लिए भी अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। ऑयल पाम फसल का उत्पादन तीसरे वर्ष से शुरू होकर लगभग 25 से 30 वर्षों तक लगातार होता है। एक हेक्टेयर से हर वर्ष लगभग 20 टन उपज मिलने की संभावना होती है, कृषक को ढाई से तीन लाख रुपए तक की सालाना आय हो सकती है।