छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

स्वैच्छिक समर कैंप में बुनियादी शिक्षा के साथ -साथ बच्चों को अनेक हुनर भी सिखा रही शिक्षिका …

🔴 हर साल स्वयं के खर्च से घर पर निःशुल्क समर कैंप लगाती है , गांव के बच्चे होते है शामिल

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चांपा। बम्हनीडीह ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला सोंठी की शिक्षिका ममता जायसवाल घर पर ही स्वैच्छिक समर कैंप चला रही है । जहाँ बच्चों को निशुल्क बुनियादी शिक्षा के साथ साथ विभिन्न हुनर भी सीखा रही है । समर कैंप में बच्चों को रचनात्मकता और जीवन कौशल को विकसित कर अपनी प्रतिभा निखारने का अच्छा अवसर मिल रहा है । हर साल बच्चों की गर्मी की छुट्टियों को रचनात्मक और उपयोगी बनाने के लिये स्वयं के खर्चे से घर पर ही समर कैंप लगाकर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाकर हुनर कौशल सिखाकर बच्चों की प्रतिभा को निखारने में शिक्षिका ममता जायसवाल लगी हुई है। गर्मी में बच्चों के लिये उचित व्यवस्था कर प्रतिदिन नाश्ता भी कराती है। ममता जायसवाल ने बताया कि कोरोनो काल में जब स्कूल बंद हो गए थे तब उनकी शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए दो चार बच्चों को घर पर ही पढ़ाना शुरु की लेकिन कोरोना के कड़े नियमों एवं संयुक्त परिवार में रहने के कारण परेशानी होती थी फिर भी पढ़ाई। फिर मोहल्ला क्लास में शिक्षा जारी रही ।कोरोना के बाद बच्चों की पढ़ाई एवं रचनात्मक कार्यो में रूचि देखकर हर साल गर्मी की छुट्टी में घर पर ही समर कैंप लगाती हूं। जिसमे शासकीय स्कूल के साथ अन्य स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शामिल होते है ।मेरा मकसद कमजोर वर्ग के ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े बच्चों को समर कैंप के माध्यम से सिखाना और उनका कौशल विकास करना है । शहरों में पैसे खर्च कर बच्चे शामिल होते है । ग्रामीण बच्चें पैसे के आभाव में समर कैंप में नही जा पाते इसलिए शहरों के तर्ज पर ग्रामीण बच्चों को उचित माहौल और प्लेटफार्म देकर उनमें छुपी प्रतिभा को सामने लाना है । प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार गतिविधियां करायी जाती है । जिससे बच्चों में क्रिएटिव गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है । शैक्षिक गतिविधियों में विज्ञान और गणित को शामिल कर उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हें बताया जाता है । समर कैंप में आर्ट एंड क्राफ्ट , पेंटिंग , चित्रकला , पेपर कार्ड से एक्टिविटी , कबाड़ से जुगाड़ के तहत अनेक निर्माण, रंगोली ,मेहंदी , कहानी लेखन , डांस , खेल खेल में पढ़ाई ,सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों का ज्ञान और हुनर विकसित किया जा रहा है ।

समर कैंप से बच्चों का जुड़ाव – शिक्षिका ममता जायसवाल ने बताया कि बच्चों को जब उनके रूचि के अनुसार नई चीजे सीखने को मिलती है और बेहतर प्रदर्शन से प्रोत्साहन मिलता है तो वे मोटिवेट होकर और अधिक आत्मविश्वास से जुड़ता है । प्रतिभाशाली बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुरूप पुरुस्कार दिया जाता है जिससे उनका हौसला बढ़ता है और फिर अपनी पूरी ऊर्जा के साथ जुड़ता जाता है । उन्होंने बताया कि बच्चों में इतनी उत्सुकता रहती है कि वे सुबह 7 बजे ही आ जाते है और दोपहर 2 बजे तक समर कैम्प में पढ़ाई के साथ साथ गतिविधियां करते है ।

समर कैंप में उत्कृष्ट कार्य के लिये कलेक्टर ने ममता को किया था सम्मानित – पिछले साल जिले में समर कैंप में उत्कृष्ट कार्य के लिए तत्कालीन कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा ममता जायसवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर उनके कार्यो की सराहना की थी । इसके अलावा ब्लॉक में बीईओ एम डी दीवान एवं बीआरसी हिरेद्र बेहार द्वारा भी मोमेंटो प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया था ।

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