राज्यपाल के सचिव डॉ. प्रसन्ना ने कोसा, बुनकर और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने समीक्षा बैठक ली …

🔴 सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने आधुनिक तकनीक, डिज़ाइन उन्नयन, ऋण सुविधा और नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर दिया जोर…
जांजगीर-चांपा। राज्यपाल रमेन डेका के द्वारा 18 मार्च 2025 को जिले में बैठक में दिए निर्देश के परिपालन में राज्यपाल के सचिव एवं सहकारिता विभाग सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने जिले में कोसा, रेशम और उद्योग को नई दिशा देने एवं सहकारी समितियों को अधिक व्यवसायिक और सशक्त बनाने के उद्देश्य से जिला पंचायत सभाकक्ष में बुधवार को बैठक ली। इस दौरान कलेक्टर आकाश छिकारा, जिला पंचायत सीईओ गोकुल रावटे सहित उप पंजीयक सहकारी संस्था उमेश गुप्ता, रेशम एवं हथकरघा विभाग के अधिकारी और संबंधित समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में रेशम उत्पादन, बुनकरों की आर्थिक स्थिति, विपणन व्यवस्था, सरकारी सहायता योजनाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों, तकनीकी की गहन समीक्षा की गई।

डॉ. प्रसन्ना ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिले की कोसा और हथकरघा परंपरा को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हुई है, यहां पर कई दशकों से यह कार्य किया जा रहा है इसलिए इसको और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास तेज किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, डिज़ाइन में नवाचार लाने और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विक्रय को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने हेतु ऋण सुविधा, आधुनिक तकनीक, डिज़ाइन उन्नयन और नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही निर्देशित किया कि योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ पहुंचे और समितियों के साथ मिलकर विभागीय समन्वय को और बेहतर बनाया जाए। बैठक में पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु नए तकनीकी साधनों और बाजार तक पहुंच की विशेष व्यवस्था की किए जाने, कोसा उत्पादों को ब्रांडिंग कर राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने की रणनीति भी तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने चांपा में कोसा मंडी की स्थापना, आईआईटी के सहयोग से कोसा बुनकर समितियों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने, लूम टेक्नोलॉजी को अपडेट करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने कहा।

बैठक में डॉ. प्रसन्ना ने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि परंपरागत उद्योगों को न केवल संरक्षित करें, बल्कि उन्हें बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित भी करें। बैठक में सभी अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। बैठक में रेशम उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देने, रेशम उत्पदान में नवीन तकनीकों एवं नवाचारों को शामिल करने, रेशम की गुणवत्ता में सुधार करने, कोकून उत्पादन, रेशम उत्पदान से जुड़े लोगो को प्रशिक्षण एवं रेशम उत्पादों के विपणन एवं बिक्री के लिए योजना, सहकारी समितियों के संचालन, ऋण वितरण, लाभांश, किसान कल्याण योजनाओं और सहकारी संस्थाओं की पारदर्शिता पर विशेष चर्चा हुई। अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने 5 नवीन गठित बुनकर सहकारी समितियों को पंजीयन प्रमाण पत्र का प्रदान किया।

डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने किया केंद्रीय रेशम अनुसंधान केन्द्र व टसर केंद्र का निरीक्षण – राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने टसर केंद्र महुदा (च) का निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों से कोसा उत्पादन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने उपस्थित स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनके कार्यों की सराहना करते हुए कोकूंन उत्पादन में और प्रगति लाने कहा। डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने सिवनी च के केंद्रीय रेशम अनुसंधान, प्रसार एवं प्रशिक्षण केंद्र में संबंधित अधिकारियों से मुलाक़ात कर रेशम उत्पादन के रणनीतियों पर चर्चा करते हुए रेशम धागा तैयार करने की प्रक्रिया का भी जायज़ा लिया। इसके साथ ही उन्होंने चाँपा स्थित महेशराम देवांगन कोसा साड़ी शोरूम के वर्कशॉप में उन्होंने कोसा धागे से कपड़े निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने चाँपा के हैंडलूम कॉलेज में विभिन्न मशीनी उपकरणों से धागा निर्माण के बारे में जानकारी ली।