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शिकारीनार में भीषण पेयजल संकट, जिम्मेदारों को नहीं कोई परवाह, पीएचई के अफसर गहरी नींद में…

रिपोर्ट – अनिल चन्द्रा…

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जैजैपुर। नवीन जिला सक्ती के विकासखंड जैजैपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत भोथीडीह के आश्रित ग्राम शिकारीनार में बीते कई वर्षों से गर्मी प्रारम्भ होते ही जलस्तर घटने और गाँव में लगे बोरिंगों के सूखने की समस्या बनी हुई है। कई बोरिंग के खराब होने के कारण किसी के घर में लगे निजी बोर से पानी मांगते हैं। कई बार तो उनको पानी मिल भी जाता है लेकिन निजी बोर से पानी प्राप्त कर पाना ज्यादातर ग्रामीणों के क्लियर टेढ़ी खीर है।

सरकार भले ही जल जीवन मिशन के तहत गांव से लेकर शहरों तक पेयजल मुहैया कराने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोग खासकर गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए सुबह से रात तक जद्दोजहद करते रहते हैं। जिले में भी भारी भरकम बजट से जल जीवन मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है लेकिन धरातल पर पानी के लिए लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। कुछ इसी तरह का हाल शिकारीनार का है, जहां पेयजल संकट होना आम बात है। हालाँकि लगभग एक वर्ष पहले पीएच और क्रेडा विभाग द्वारा तिहत्तर लाख रुपए की लागत से गाँव में तीन नग सोलर पैनल संचालित मिनी ट्यूबवेल लगाया गया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण गाँव में कहीं भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जबकि पीेएचई की ओर से गाँव में संचालित सभी बोरिंग खस्ताहाल हैं, जिनसे पानी की कोई उम्मीद बाकी नहीं है। कुछ दिन पूर्व ग्रामीणों की शिकायत पर उप अभियंता द्वारा ग्राम पहुंचकर प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीणों की समस्या देखी। गाँव के डिपरीपारा में खराब पड़े पांच बोरिंग को तुरन्त बनवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि अब ना तो नल जल और ना ही बोरिंग ही चल पा रहे हैं, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं।

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