साइकिल चलाकर अयोध्या पंहुचे भक्त,वापिस नगर लौटने पर लोगों ने किया भव्य स्वागत …

जांजगीर-चांपा/जैजैपुर। अयोध्या बने भव्य भगवान श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के पहले जहां देश भर के लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा था। जिसमे कई भक्त पैदल अयोध्या के लिए निकले थे तो कोई दिल खोलकर मंदिर निर्माण में दान कर रहे थे। तो वही जैजैपुर के कुछ भक्त एक अलग ही धुन में सवार साइकिल से ही जैजैपुर से अयोध्या तक सात सौ 45 किलोमीटर तक सफर पर निकल गए। आपको बता दे नगर के पुनाउ राम देवांगन,राजेंद्र चंद्रा, ओंम देवांगन,दुर्गेश साहू ने बीते सात जनवरी को काली चौक पर बने हनुमान मंदिर और नगर पंचायत जैजैपुर के हृदय स्थल राम जानकी मंदिर में पूजा पाठ कर जैजैपुर से अयोध्या तक के सफर के लिए निकल पड़े और लगातार 10 दिन की मेहनत कर अपने मन मे भगवान राम नाम स्मरण करते हुए अयोध्या तक कि अपनी सात सौ 45 किलोमीटर की सफर को पूर्ण कर लिए। साइकिल से अयोध्या तक कि अपनी सफर के बारे में बताते हुए यात्रा संचालन कर रहे पुनाउ राम देवांगन उम्र 57 वर्ष ने बताया कि। उन्हें यकीन नही था कि हम जिस यात्रा पर निकले है उसे पूरा कर पायेंगे। क्योंकि जब हमने सफर शुरू किया तो पहले दिन 85 किलोमीटर के यात्रा में ही पूरा शरीर दर्द से भर गया था। जब रात्रि विश्राम के लिए हम लोग हाटी में रुके तो एक पल के लिए लगा कि घर से गाड़ी बुलाकर वापिस लौट चले। सफर के पहले ही दिन में यह हालत है तो आगे का सफर कैसे पूरा करेंगे। फिर हम सबने खाना खाने के बाद सो गए लेकिन जब अगली सुबह हमारी नींद खुली तो हमे यकीन नही हो रहा था। कुछ घंटा पहले रात्रि में हम सभी के शरीर में भयंकर दर्द था वह सुबह तक खत्म कैसे हो गया। इसके बाद हम सभी ने ठान लिया प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हमारे साथ है। हमे अब यह यात्रा को पूरा करना है। दसवे दिन जब अयोध्या नगरी पंहुचे और सरयू नदी ने नहाकर प्रभु श्री राम लला और मंदिर को अपनी आंखों से देखे तो मंदिर परिषर स्वर्ग जैसा प्रतीत हो रहा था। जहां हजारों लाखों की संख्या में पंहुचे भक्तों की जुबान पर सिर्फ राम नाम ही था।
यात्रा का लोगों ने जमकर किया स्वागत – जैजैपुर से अयोध्या तक के यात्रा में शामिल राजेंद्र चंद्रा ने बताया हम जिस गांव या फिर बड़ी शहर से गुजरते थे तो लोग हमारी खूब स्वागत करते थे। क्योंकि हम जहां रात रुकते थे तो हमारी यात्रा की चर्चा अगले गांव वालों सहित पूरे रास्ते के लोगों को पता चल जाता था। इसी के चलते लोग पहले से थाली में आरती सजाकर पूजा अर्चना करते थे। इतना ही नही लोगों के द्वारा हमे यात्रा के दौरान खाने पीने की चीजें फल,मिक्चर,बिस्कुट आदि देते थे। कई लोग ऐसे भी मिले जिन्होंने अपनी स्वेच्छा से हमे नगद रुपया तक दिए है।
57 साल की उम्र में 27 साल की जज्बा – आपको बता दे अयोध्या यात्रा कर रहे चार लोगों में पुनाउ राम देवांगन बाकी तीनो यात्री के उम्र के दोगुने से भी अधिक उम्र के थे। लिहाजा पूरा यात्रा और उनके साथ चल रहे अन्य तीन यात्रियों की जिम्मेदारी भी उन्ही के कंधों पर थी। पुनाउ राम देवांगन ने अपने बड़े होने का फर्ज बखूभी निभाया यही वजह है। पूरा अयोध्या यात्रा सुरक्षित पहुँच गया। पूरे यात्रा में गौर करने वाली बात यात्रा का संचालन कर रहे पुनाउ राम देवांगन की उम्र की रही। जहां उन्होंने इतने उम्र में भी इतना लंबा सफर साइकिल से तय कर लिए। नगर में इनके इस जज़्बे की लोग जमकर सराहना कर रहे है।
स्वागत में उमड़े लोग – अयोध्या से वापिस जब राम भक्त वापिस नगर पहुँचे तो उनके स्वागत के लिए नगर के साथ ही आस पास के गांव के लोग उमड़ पड़े। जहां उनको कचंदा मोड़(अटल चौक) भजन कीर्तन करते राम जानकी मंदिर तक गए जहां लोगों के द्वारा नारियल,गमछा पहनाकर स्वागत किये।