जांजगीर-चांपा। चांपा नगर की कुल देवी माँ समलेश्वरी मंदिर में वासंती नवरात्रि बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है प्रतिदिन माँ समलेश्वरी के समक्ष दुर्गासप्तशती का पाठ हो रहा भक्त माँ के दर्शन के लिए लाइन पर अपनी बारी का इंतजार करते है पं अतुल कृष्ण द्विवेदी के अनुसार सप्तमी पर मध्य रात्रि माँ समलेश्वरी के चरणो पर पं द्विवेदी बताते है कि देवी भागवत में आख्यान आता है कि निम्बू माला ( श्वेत बलि ) चढ़ाने के पीछे मान्यता है कि मां काली को प्रसन्न करने के लिए पहले बली और नरमुंडों की माला चढ़ाई जाती थी।यह आज के समय में असंभव है. ऐसे में मां के इस रौद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इन मालाओं की जगह पर नींबू की माला माता काली की मूर्ति पर चढ़ाते हैं।इसी कड़ी में दिनांक १५/४/२४ को मध्य रात्रि ११ बजे सर्वप्रथम राजपरिवार द्वारा माँ समलेश्वरी की पूजा की गई। राजपुरोहित श्री कृष्णा द्विवेदी द्वारा मंत्रोचार से सोडसोपचार पूजन कराया गया।फिर माँ समलेश्वरी को माँ कालरात्रि को भक्त अपनी मनोकामना बोलते हूवे बारी बारी से निम्बू की माला अर्पित की गई।इसकी तैयारी समिति द्वारा पूर्व ही कर लिया हुआ था तदुपरांत आज महाष्टमी के अवसर पर भगवती का आज राजसी ऋंगार किया हुआ तदुपरांत नवमी तिथि को सायं ७ बजे देवी भागवत की चड़ोतरि मध्य रात्रि हवन पूर्णाहुति के साथ इस महापर्व की समाप्ति होगी।
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