
चांपा। नगर पालिका चांपा चुनाव में अध्यक्ष पद और पार्षद पद के लिए जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। कुल 27 वार्डों में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच संघर्ष चल रहा है। अध्यक्ष पद के लिए 6 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है, लेकिन बागी उम्मीदवार समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
अध्यक्ष पद पर बागियों की एंट्री से बढ़ी चुनौती – इस बार कई निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे दोनों प्रमुख पार्टियों के वोटों में सेंध लगने की संभावना है। यह बागी प्रत्याशी पारंपरिक वोटबैंक में बदलाव ला सकते हैं, जिससे मुख्य दलों को नुकसान हो सकता है।नगर पालिका चुनाव में कई बागी प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। दोनों दलों ने कई वर्तमान पार्षदों का टिकट काट दिया, जिससे असंतोष बढ़ा और कई नेता निर्दलीय मैदान में कूद गए।
वार्डों में कड़ा मुकाबला, निर्दलीयों का दबदबा – नगर पालिका के 27 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भी मजबूती से चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। कई वार्डों में पार्षदों की टिकट कटने के कारण बागी उम्मीदवारों ने निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल किया है। इससे मुकाबला त्रिकोणीय और कहीं-कहीं बहुकोणीय होता दिख रहा है।
वार्डों की स्थिति – ठीक उसीतरह नगर पालिका चांपा में कुल 27 वार्ड है जिसमे कई वार्डो में भाजपा और कांग्रेस सहित निर्दलीय ने फार्म भरा है। जिसमे वार्ड नम्बर 1 में कुल 3 प्रत्याशी है अंजली देवांगन(कांग्रेस),शैलेंद्र देवांगन(भाजपा) और वीरेन्द्र यादव (निर्दलीय) फार्म जमा किया है।वार्ड नम्बर 2 में शमिष्टा कंसारी(कांग्रेस), गीता कंसारी(भाजपा) और आशा बरेठ। वार्ड नम्बर 3 से नीलम मोनी मिश्रा(भाजपा),सुंदरीका मिश्रा(कांग्रेस),पनिता यादव और संध्या पटेल। वार्ड नं 4 से टीकम कंसारी(भाजपा),खेमचंद यादव(कांग्रेस),ज्योति तिवारी और गणेश प्रसाद केंवट। वार्ड नम्बर 5 से जय थवाईत(कांग्रेस),महेंद्र तिवारी(भाजपा),मोनी पाठक और योगेंद्र सोनी। वार्ड नं 6 से गीता सोनी(कांग्रेस),संजय सोनी (भाजपा) और काली दास महंत। वार्ड नं 7 से मथुरा देवांगन(कांग्रेस) और विनिता मोदी (भाजपा)।वार्ड नं 8 से पुरुषोत्तम देवांगन (कांग्रेस) ,कृष्ण देवांगन(भाजपा) और राजेश देवांगन। वार्ड नं 9 से तमिन्द्र देवांगन (कांग्रेस) ,भवानी गुप्ता(भाजपा), सुनील देवांगन, डंगेश्वर देवांगन और योगेश शर्मा। वार्ड नं 10 से भगवती देवांगन (भाजपा) और सविता देवांगन (कांग्रेस)। वार्ड नं 11 से गोपी चंद बरेठ(भाजपा),पवन साहू (कांग्रेस),हरदेव देवांगन, संजय देवांगन और शिरीन खान। वार्ड नं 12 से अनिता प्रकाश (कांग्रेस),भगवंतीन साहू(भाजपा) और रामकुमारी यादव। वार्ड नं 13 से ज्योति कोसरे (भाजपा) और संतोषी रात्रे(कांग्रेस)। वार्ड नं 14 से शिवा साहू (कांग्रेस), रामरतन साहू(भाजपा) और लक्ष्मी पटेल। वार्ड नं 15 सुनीता केंवट(कांग्रेस),सुकृता पटेल (भाजपा)और लक्ष्मीन यादव।वार्ड नं 16 से दुर्गा कुर्रे (कांग्रेस),लक्ष्मीन बाई (भाजपा) और संदीप रात्रे(जनता कांग्रेस)। वार्ड नं 17 से बुधेश्वर कैवर्त(कांग्रेस),ईश्वर देवांगन(भाजपा),भीषम राठौर,मथुरा कश्यप और नरेंद्र देवांगन। वार्ड नं 18 से गुहा देवांगन(कांग्रेस),अशोक देवांगन(भाजपा),भरत देवांगन, धनबाई धीवर,कौशल धीवर और राजेश देवांगन। वार्ड नं 19 से मंगलदास महंत(भाजपा),डुग्गु प्रधान (कांग्रेस),कमलेश्वरी वर्मा(बसपा),सत्यनारायण चौहान,लक्ष्मी नारायण देवांगन और डेविड जोसेफ। वार्ड नं 20 से ललित देवांगन(कांग्रेस),रमाकांत कर्ष(भाजपा),दिनेश्वर देवांगन और गोरेलाल देवांगन। वार्ड नं 21 से रमशीला देवांगन(कांग्रेस) और मंजुलता देवांगन(भाजपा)। वार्ड नं 22 से अहिल्या बाई केंवट(कांग्रेस),पुष्पा सिंह(भाजपा), धनेश्वरी दुबे,रत्नीबाई और सरिता कर्ष। वार्ड 23 से गणेश श्रीवास(भाजपा),पवन आर्य(कांग्रेस), लता शर्मा और मो. हाशिम। वार्ड नं 24 से भूपेंद्र बहादुर यादव(कांग्रेस) और अमरजीत सिंह खटकर। वार्ड नं 25 से हरीश पांडे (कांग्रेस),संतोष जब्बल(भाजपा)नीरज शर्मा और विनीता साधवानी। वार्ड नं 26 हितेश सिंह राज(भाजपा),पुसाउ सिंह सिदार(कांग्रेस),बैजू सिंह सिदार,कमलेश राज और रामसिंह गौड़। वार्ड नं 27 से संत सोनन्त (भाजपा),सतीश महेश्वरी(कांग्रेस),गौतम चौहान और सतीश कुमार। इसतरह कई वार्डो में बागी प्रत्याशियों ने फार्म भरा है जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।देखा जा रहा है कि कई वार्डो में पार्षदों की टिकट काट दी गयी है जिसका खामियाजा भुगतना भी पड़ सकता है।देखा जा रहा है सभी अधिकांश वार्डो में काटे की टक्कर रहेगी तो कही निर्दलीय भी जीत सकते है।
क्या कहती है जनता? – स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि इस बार मुकाबला रोचक होगा क्योंकि निर्दलीय उम्मीदवार मजबूत स्थिति में हैं। जनता अब पार्टी नहीं, बल्कि उम्मीदवारों की छवि और क्षेत्र में उनके काम को ध्यान में रखकर मतदान करने की बात कह रही है।भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती सिर्फ एक-दूसरे से नहीं, बल्कि बागी उम्मीदवारों से भी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं और कौन इस चुनावी जंग में बाजी मारता है।