छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

दिग्म्बर जैन मुनि 108 पैदल यात्रा के दौरान तिलक सेवा संस्थान पहुँचे ग्रामवासियों ने किए दिब्य दर्शन…

0 जैन मुनि ने संस्थान की की प्रशंसा…

WhatsApp Image 2025 10 13 at 10.02.11 Console CorptechWhatsApp Image 2025 10 01 at 13.56.11 Console Corptech

जांजगीर चांपा। चर्या शिरोमणि आचार्य 108 विशुद्ध सागर महाराज जी के परम प्रभावी शिष्य छत्तीसगढ़ गौरव मुनि श्री 108 सुयशसागर सागर जी महाराज एवं पूज्य छुल्लक 105सोहम सागर जी महाराज पदयात्रा करते हुए आज अफ़रीद पहुंचे। तिलक सेवा संस्थान के प्रांगण में आज उनकी आहार चर्या संपन्न हुई।

WhatsApp Image 2025 10 01 at 21.40.40 Console Corptech

पूज्य मुनि श्री ससंघ दुर्ग से विहार करने के पश्चात पैदल पद भ्रमण करते हुए आज नैला से पैदल विहार किये अफरीद में आज उनका आहार चर्या संपन्न हुई उसके पश्चात उनका आगे रायगढ की ओर विहार हुआ पूज्य मुनि श्री मोक्ष मार्ग की प्राप्ति हेतु प्रतिदिन त्याग एवं तपस्या व्रत धारण करते हुए पैदल ही नगर भ्रमण करते हुए अपनी-अपनी मार्ग की मंजिल की ओर आगे बढ़ रहे हैं पूज्य मुनि श्री का आज सानिध्य अफरीद के तिलक सेवा संस्थान एवम ग्राम वासियों को प्राप्त हुआ। संस्थान के संस्थापक केशव राठौर ने कहा पूज्य मुनि का सानिध्य पाकर हम सभी तिलक सेवा संस्थान के सदस्य अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं उनका आशीर्वाद हमें हमेशा इसी प्रकार प्राप्त होता रहे ।

जैन समाज ने की संस्थान की सराहना

पूज्य मुनि संघ के साथ दुर्ग जैन समाज के दीपक भैया खुंटी समाज से बसंतजैन दिगंबर जैन समाज नैला के सभी सदस्य आज पूज्य मुनि श्री के दर्शन करने अफरीद पहुंचे जैन समाज नैला के अध्यक्ष सुशील जैन महिला मंडल की अध्यक्ष नूतन जैन श्रीमती सरोज पाटनी लीना जैन, नेहा जैन चांपा, श्रीमती मुन्नी देवी अजमेरा,आयुषि जैन,हर्ष पाटनी,विकास जैन भाटापारा जैन समाज के समाजसेवी गदिया जी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मुनि संघ पैदल विहार करते हुए झारखंड खूंटी नगर के नवीन जिनालय के प्राण प्रतिष्ठा, पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल होने जा रहे है तिलक सेवा संस्थान के प्रांगण में जैन समाज के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार जैन के द्वारा अपने पूज्य पिता श्री स्व.ताराचंद जी जैन की स्मृति में ₹11000 की राशि तिलक सेवा संस्थान को देने की घोषणा की गई सेवा संस्थान के डायरेक्टर केशव भैया ने बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया एवं आगे भी इसी प्रकार दान सभी समाज की ओर से प्राप्त होते रहे ऐसी मंगल भावना उन्होंने भायी त्याग एवं तपस्या के साधक जैन मुनि दिन में एक बार ही भोजन ग्रहण करते हैं एवं हमेशा पद विहार ही करते है दिगंबर रहना जीवन का मेन उद्देश्य है उनके चेहरे से ऐसा तेज प्रकाषित होता है तप,ध्यान, योगा के साथ ही सभी मौसम का वे स्वागत कर मोक्ष मार्ग पर प्रसस्थ होते है।

Related Articles