छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

8 स्वर्ण,6 रजत और 5 कांस्य के साथ जांजगीर-चांपा जिला बना चैम्पियन ..

🔴 गांव से निकलकर जांजगीर-चांपा जिले के खिलाड़ियों ने संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में लहराया परचम।चयनित खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में करेंगे जिले का प्रतिनिधित्व …

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जांजगीर-चांपा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप और कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले में 6 अक्टूबर से खेलों की शुरुआत करते हुए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा जिले में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के बेहतर आयोजन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को लगातार निर्देश देते हुए खेल मैदान में पारंपरिक खेलो भौंरा, गिल्ली-डंडा खेलते हुए जिले के खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहित किया जाता रहा है। जिले में राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर खेलों की शुरुआत के बाद जोन स्तर, विकासखंड स्तर और जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुए। स्वर्गीय बी. आर. यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र बिलासपुर में आयोजित संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में जिले के खिलाड़ियों ने संभाग के सभी बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सक्ती और सारंगढ़ के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए बेहतर प्रदर्शन कर 8 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य पदक के साथ जिले का परचम लहरा कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में जांजगीर-चांपा जिला प्रथम, रायगढ़ द्वितीय, सारंगढ़-बिलाईगढ़ तृतीय और मेजबान बिलासपुर चौथे स्थान पर रहा। संभाग स्तर पर चयनित खिलाड़ी संभावित 28 दिसंबर से 6 जनवरी के बीच राज्य स्तर पर होने वाले अंतिम चरण पर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के तहत विभिन्न स्थानीय और पारंपरिक खेलों के आयोजन के माध्यम से गांव से शहरों तक बच्चों से बुजुर्गों तक सभी वर्गों में एक नए उत्साह का संचार हो रहा है और अब नई पीढ़ी भी स्थानीय खेलों के प्रति जागरूक हो रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 06 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्त्तीसगढ़ की संस्कृति से लोगों को जोड़कर रखने व स्थानीय खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन 06 अक्टूबर 2022 से 06 जनवरी 2023 तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है, जिसमें 18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। इस खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे-गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद इत्यादि में सभी वर्ग के प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता गांव से लेकर राज्य स्तर तक 06 स्तरों पर आयोजित की जा रही है।

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