
चांपा। चांपा नगर की पहचान कोसा, कांसा और कंचन के प्रतीक स्वरूप बने स्टेचू की हालत बदतर होती जा रही है। देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो चुके इन स्टेचू की दशा पर नगर प्रशासन ने वर्षों से ध्यान नहीं दिया। ना तो इनकी पेंटिंग कराई गई और ना ही मरम्मत का कार्य हुआ। नगर की यह धरोहर अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।
स्थानीय नागरिकों और मीडिया के प्रयासों से जब यह मामला सुर्खियों में आया, तब जाकर नगर पालिका प्रशासन नींद से जागा। खबर प्रकाशित होने के बाद आज सुबह 11 बजे नगर पालिका द्वारा स्टेचू की सफाई कराई गई। लेकिन यह महज दिखावटी कदम प्रतीत हो रहा है क्योंकि पिछले कई वर्षों से नगर की इस ऐतिहासिक पहचान को संरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ खबरों और शिकायतों के बाद ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से धरोहरों की देखरेख करनी चाहिए। यह चांपा नगर की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे सहेजना हम सभी की जिम्मेदारी है। नगर पालिका से मांग की जा रही है कि इनकी नियमित सफाई और मरम्मत की व्यवस्था की जाए ताकि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके।