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BIG BREAKING-विधानसभा में गूंजेगा अवैध प्लाटिंग का मामला, जांजगीर और चांपा में ठंडी पड़ी अवैध प्लाटिंग की कार्रवाई…

जांजगीर-चांपा। अवैध प्लाटिंग का मामला विधानसभा में गूंजने वाला है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने यह मुद्दा उठाया है, जिसका जवाब प्रस्तुत करने के लिए संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास रायपुर के मुख्य अभियंता ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्त, नगरपालिका व नगर पंचायत के सीएमओ को पत्र लिखा है। इस ज्वलंत मुद्दे पर वन मंत्री आगामी 15 मार्च को जवाब प्रस्तुत करेंगे।

जिले के तत्कालीन कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने जांजगीर और चांपा में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम बनाई थी। दोनों जगह कुछ एफआईआर भी हुई, लेकिन प्रशासन की धड़ाधड़ कार्रवाई के बाद इस पर विराम लग गया। फिर प्रशासन ने नियमतीकरण के लिए भूमाफियाओं को समय दिया, लेकिन इसमें भी महज खानापूर्ति हुई। यदि जांजगीर और चांपा की ही बात करें तो दोनों जगह अवैध प्लाटिंग का काम जोरों पर है। इस काम में प्रशासन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कालोनाइजर एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए जमीन की मनमाने तरीके से खरीदी बिक्री की जा रही है। इस पूरे मामले में कार्रवाई का अधिकार भले ही नगरीय क्षेत्र के अफसरों को दिया गया है, लेकिन वो गोलमोल जवाब देकर कार्रवाई करने से बचते रहे हैं, जिसका प्रत्यक्ष लाभ भूमाफिया को हो रहा है।

कहीं भी बस जा रही बस्ती
अवैध प्लाटिंग की भरमार होने के कारण कहीं भी बस्ती बस जा रही है, जहां बिजली, पानी, सड़क सहित बुनियादी सुविधा मुहैया कराना नगरीय निकाय के लिए बड़ी चुनौती है। चांपा और जांजगीर में कई ऐसे उदाहरण है, जहां अवैध बस्ती बस गई है। भूमाफिया एकमुश्त कृषि भूमि को खरीदकर उसे टूकड़ों में बेचकर अच्छी खासी आमदनी बटोर रहे हैं।

प्लाटिंग का नया तरीका
जिले में ही अवैध प्लाटिंग करने का नया तरीका अख्तियार कर लिया गया है। अब तक कृषि भूमि को खरीदकर उसे आवास के लिए प्लाटिंग करने का मामला सामने आ रहा था, लेकिन अब इस तरह एकमुश्त कृषि भूमि को खरीदकर उसे कृषि फार्म के लिए बेचने की खबरें आने लगी है। लेकिन बगैर शासन के मापदंड को पूरा किए कृषि जमीन को टूकड़ों में विभाजित करना गैरकानूनी है। 

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