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छग: प्रायवेट की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स मीट, स्कूल शिक्षा सचिव ने कलेक्टरों को दिए निर्देश …

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🔴 गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स मीट होते हैं। छत्तीसगढ़ इस तरह का इनोवेशन करने वाला देश का चौथा राज्य होगा। प्रायवेट स्कूलों में साल में लगभग एक बार पैरेंट्स मीट होते हैं, सरकारी स्कूलों में तीन बार होंगे। विष्णुदेव सरकार के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ्ज्ञ कोमल परदेशी ने पैरेंट्स मीट के संदर्भ में कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

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रायपुर।  छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा में सुधार के संदर्भ में एक बड़ी खबर आ रही है। विष्णुदेव सरकार ने प्रायवेट स्कूलों सरीखा सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स मीट आयोजित करने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, इससे पहले कई बार पैरेंट्स मीट करने पर विचार हुआ। पिछली सरकार में स्कूल शिक्षा विभाग ने भी सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स मीट शुरू करने का प्रयास किया था। मगर इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया। मगर विष्णुदेव सरकार ने अब इसका आदेश जारी कर दिया है।

बता दें, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में इस पर अच्छा काम हो रहा है। वहां नियमित पैरेंट्स मीट का आयोजन किया जाता है। छत्तीगसढ़ में इसके लिए शेड्यूल तय कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के सिकरेट्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कलेक्टरों को आज पत्र लिख पहली पैरेंट्स मीट का तारीख भी तय कर दी है। पहली मीट 9 अगस्त को होगी। परदेशी ने कलेक्टरों को सुनिश्चित करने कहा है कि पैरेंट्स मीट में कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने पैरेंट्स मीट करने के फायदे भी गिनाए हैं। मसलन, बच्चों के शरीरिक, मानसिक विकास के लिए पालकों और स्कूलों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। बच्चों के संपूण गतिविधियों से पालकों को अवगत कराने से उन्हें बेहतर मार्गदर्शन और प्रेरणा मिल सकती है। शिक्षकों और पालकों के संपूर्ण प्रयास से बच्चां की पढ़ाई के प्रति साकारात्मक वातावरण बनेगा। बच्चों की काउंसलिंग से उन्हें परीक्षा का तनाव नहीं रहेगा और स्कूलों से ड्रॉप आउट याने पढ़ाई छोड़ देने से रोकने में पालकों की भूमिका सुनिश्चत करना।

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