Uncategorized

जिले के इस स्कूल में बच्चें कभी नहीं खरीदते कॉपी, जानिए कारण …

img 20240724 0827317379772616787453533 Console Corptech

जांजगीर चांपाजिले में एक ऐसा भी गांव है जहां के स्कूली बच्चों को कभी कापियां खरीदनी नहीं पड़ती है।गांव के स्कूल में पहली से आठवीं क्लास तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सालभर में जितनी भी कापियों को जरूरत पड़ती है उतनी कापियां बच्चों को नि:शुल्क में मिल जाती है।अपको बता दें कि जांजगीर चांपा जिले के बलौदा ब्लॉक के ग्राम दहकोनी गांव में समाजसेवी देवप्रसाद मिरी हैं।उनके द्वारा गांव में पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों को फ्री में कॉपियां देकर बच्चों की मदद कर रहे हैं, स्कूली बच्चों को कॉपी दान उनके द्वारा पीछे 11 साल से किया जा रहा है।

आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त में देते है कॉपी– समाजसेवी देवप्रसाद मीरी ने बताया की छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा स्कूलो में बच्चे को छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल अन्तर्गत बच्चों को नि:शुल्क पुस्तक और ड्रेस दिया जाते हैं लेकिन कॉपी नहीं दिया जाता है कॉपी को बच्चें को खुद खरीदना पड़ता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार ऐसे है जो आर्थिक संकट की वजह से कॉपी नहीं खरीद पाते है।जिसके कारण कई बच्चे को स्कूल से वंचित रहना पड़ता है. इसी कारण से उन्होंने ये अभियान शुरू किया और हर साल अपने गांव के स्कूल में पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों को कॉपी दान करना प्रारंभ किया।

देवप्रसाद मिरी ने बताया की सरपंच थे तब से ही शिक्षा के क्षेत्र में गरीब बच्चों की मदद के लिए कॉपी दान की शुरुआत था और ये सिलसिला आज भी जारी है, इनका कहना है कि हमारे समाज का कोई गरीब बच्चा अगर स्कूल जाना और पढ़ना चाहता हो तो उसकी मैं हर संभव मदद करने का प्रयास करता हूं कॉपी के अलावा अन्य किसी चीज की जरूरत है तो उसको में पूरा करता हूं. इस साल 2024 में 130 बच्चों को कॉपी दान किए हैं, और बताया की एक साल में 35 हजार रुपए खर्च आ जाता है।

ऐसे में अब तक लगभग 4 लाख की कापियां बच्चों को बांट चुके हैं, देवीप्रसाद ने बताया कि उनका गांव में पैतृक अच्छी जमीन है उसी में खेती बाड़ी है, इससे ही बच्चों की मदद करते हैं, उनका मानना है कि संपत्ति किसी एक की नही रहती है बदलती रहती है, भगवान ने अगर कुछ ज्यादा दिया है तो दान करना चाहिए इससे धर्म और मान सम्मान दोनो रहता है।

Related Articles