
चांपा। नगर पालिका चुनाव के लिए कांग्रेस ने देर रात अपनी पार्षद पद के उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसके बाद नगर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस सूची ने न केवल पार्टी के भीतर बल्कि जनता के बीच भी असंतोष और आश्चर्य पैदा किया है।
कई वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं को टिकट से वंचित कर दिया गया है। इनमें पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष हरदेव देवांगन, भीषण राठौर, पार्षद अवधेश यादव, और पार्षद पति दिनेश्वर देवांगन के नाम प्रमुख हैं। इन नेताओं को टिकट न मिलने से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच नाराजगी देखी जा रही है।
हरदेव देवांगन का टिकट कटने पर सवाल – हरदेव देवांगन, जिन्होंने पिछले चुनाव में भाजपा के लक्ष्मी देवांगन को हराकर नगर पालिका उपाध्यक्ष का पद हासिल किया था। का टिकट काटा जाना सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे राजनीति और कूटनीति का परिणाम माना जा रहा है। जनता का कहना है कि भेदभावपूर्ण रवैये के कारण उनका टिकट काटा गया, जिससे कांग्रेस ने इस वार्ड में भाजपा को सीधे तौर पर बढ़त दे दी है।
भीषण राठौर को टिकट न मिलना समझ से परे – कांग्रेस ने इस बार भीषण राठौर को भी टिकट देने से इनकार कर दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह वार्ड भी कांग्रेस के कमजोर निर्णय का शिकार हो सकता है। कई लोग इसे भाजपा के पक्ष में अप्रत्यक्ष समर्थन मान रहे हैं।
जनता और कार्यकर्ताओं में नाराजगी – सूची जारी होने के बाद नगर में कांग्रेस के निर्णय को लेकर नाराजगी है। जनता का कहना है कि टिकट वितरण में आपसी गुटबाजी और सामंजस्य की कमी साफ झलकती है। कई लोगों का मानना है कि यह कांग्रेस के लिए चुनावी नुकसान का कारण बन सकता है।
कांग्रेस की स्थिति पर नजर – चांपा में कांग्रेस का यह फैसला आगामी चुनाव में पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है। टिकट वितरण को लेकर मचे बवाल का असर चुनाव परिणाम पर पड़ने की संभावना है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस नाराजगी को कैसे संभालती है और क्या इसे जीत में बदलने की कोई रणनीति बना पाती है।