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जब अस्त्रधारी, शस्त्रधारी काम नहीं आते हैं तब मालाधारी काम आते हैं- मधुसूदनाचार्य जी महाराज

0 भगवान को जो जिस भाव से मानते हैं वह उससे उसी भाव से मिलते हैं

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भगवान की सेवा हम सब को अपने हाथों से नियमित करनी चाहिए -कर नित करहिं राम पद पूजा! यदि यह न हो सके तो कोई बात नहीं! भगवान के भक्तों की ही सेवा कर लीजिए भगवान प्रसन्न हो जाएंगे कारण कि भगवान के भक्तों की सेवा करना भगवान की ही सेवा है।

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यह बातें व्यासपीठ की आसंदी से अयोध्या वासी अनंत विभूषित स्वामी मधुसूदनाचार्य जी महाराज ने अभिव्यक्त की। श्री दूधाधारी मठ में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा एवं भव्य सन्त सम्मेलन में उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संसार गवाह है भगवान अपने प्रति किए गए अपराधों को सहन कर सकते हैं किंतु भक्तों के प्रति किए गए अपराध को नहीं। एक बार जिन भक्तों पर भगवान का रंग चढ़ जाए उस पर कोई दूसरा रंग चढ़ ही नहीं सकता! भक्त दो प्रकार के होते हैं एक वो जो भगवान को याद करते हैं ,दूसरा वह जिन्हें भगवान याद करते हैं, -भरत सरिस को राम सनेही, जग जप राम, राम जप जेहि। उन्होंने कहा कि भगवान के अनेकों अवतार हुए हैं। हरि अनंत हरि कथा अनंता, उस पर कोई उंगली नहीं उठा सकता! भगवान विराट हैं, विश्व हैं, अनंत हैं, जानकी जी भी उनकी तरह ही सर्वव्यापी और अनंत हैं! जब कोई अस्त्र धारी, शस्त्र धारी, तलवार धारी, भाला धारी, त्रिशूलधारी, काम नहीं आते तब मालाधारी काम आते हैं। इंद्र के पुत्र जयंत ने नारद जी से कहा मुझे ब्रह्मा और शिव जी भी नहीं बचा सके तो आप कैसे बचा लेंगे? आपके पास तो अस्त्र-शस्त्र नहीं है, आप माला धारी हैं। नारद जी ने उन्हें भगवान के कोप से बचने का उपाय बताया। उन्होंने कहा कि भगवान को जो जिस भाव से भजता है, वे उसे उसी भाव से मिलते हैं। आप उसे पिता, पुत्र, सखा कुछ भी मान सकते हैं यहां तक कि यदि कोई शत्रु ही मान लें तो भी भगवान उनका उद्धार ही करते हैं, रावण ने शत्रुता की तो भी भगवान ने उसका बैकुंठ सुधार दिया। भगवान के दासों की सेवा करें, हनुमान जी भगवान के दास हैं। दास कभी छोटे नहीं होते।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत कथा श्रवण के लिए उपस्थित हुए

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत कथा श्रवण के लिए अंतिम दिवस उपस्थित हुए, उन्होंने व्यासपीठ की पूजा अर्चना की एवं श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य जी कह रहे थे कि भगवान दासों की सेवा करने से प्रसन्न हो जाते हैं, मेरा नाम चरणदास है, रघुनाथ जी के दास महन्त रामसुन्दर दास जी हैं, मैं तो उनका भी सेवा करने वाला दास हूं। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि हम सब को धर्म के मार्ग पर चलाने का कार्य महन्त जी महाराज करते हैं। श्री दूधाधारी मठ केवल छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि भारतवर्ष में विख्यात है।

नौ दिवसीय अनुष्ठान का हुआ विश्राम


श्री दूधाधारी मठ में 6 नवंबर से 14 नवंबर 2022 तक आयोजित संगीतमय श्री राम कथा एवं भव्य सन्त सम्मेलन का विश्राम सायं कालीन बेला में हुआ। आचार्य श्री एवं उनके साथ आए हुए सभी संगीतकारों एवं सहयोगियों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

आचार्य ने लोगों को भाव विहल कर दिया


अयोध्या धाम से पधारे हुए आचार्य मधुसूदनाचार्य जी महाराज ने कहा कि यहां रघुनाथ जी के दरबार में रामकथा आप सभी को सुनाते हुए 9 दिन कैसे व्यतीत हो गए हमें पता ही नहीं चला, यह श्री रघुनाथ जी सरकार की असीम कृपा है, उन्होंने अपने इस दिव्य धाम में हमें कथा सुनाने का अवसर प्रदान किया।

महन्त जी महाराज ने ज्ञापित की कृतज्ञता

श्री दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने कार्यक्रम की समाप्ति के अवसर पर छत्तीसगढ़ सहित देश के अनेक स्थानों से पधारे हुए सन्त महात्माओं एवं श्रद्धालुओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की, ट्रस्टी प्रोफेसर राव ने आभार जताया इस अवसर पर पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, रविशंकर विश्वविद्यालय कुलसचिव श्री पटेल, मठ मंदिर के सभी ट्रस्टी गण एवं श्रद्धालु जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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