12 साल की बालिका का कराया जा रहा था विवाह, बारात भी दरवाजे पर दे दी थी दस्तक, ऐनवक्त पर जिला प्रशासन ने रोकी शादी…
जांजगीर-चांपा. महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती अनीता अग्रवाल एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम मेंऊ में बालिका के घर जाकर उम्र सत्यापन के लिए अंकसूची की मांग की गई।
इस पर परिवार वालो ने बालिका के उम्र संबंधी समस्त दस्तावेज जल गया है अवगत कराया गया। बालिका की उम्र के संबंध में परिवार से जानकारी लेने पर परिवार वालों ने बताया कि बालिका की उम्र लगभग 15 वर्ष है, जिसका विवाह भुईगांव के 22 वर्षीय युवक के साथ 11 अप्रैल 2023 को निर्धारित था, आज बारात आ चुकी थी। शिक्षा विभाग से समन्वय कर दाखिल खारिज प्राप्त किया गया। जिसमें बालिका का उम्र 12 वर्ष 04 माह 07 दिन होना पाया गया। दोनो पक्षो को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाइश के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों वर पक्ष तथा वधु पक्ष की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया। दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र सिंह जायसवाल, श्रीमती मनीषा जांगडे पर्यवेक्षक, डेटा एनालिस्ट धीरज राठौर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सावित्री दिनकर, श्रीमती भगवती साहू पुलिस विभाग से सहा उप निरीक्षक नीलमणी कुसुम, आरक्षक रज्जू रात्रे, आरक्षक विश्वजीत आदिले थाना पामगढ़ शामिल थे।
बाल विवाह कराने पर होगी कड़ी कार्रवाई
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लडके की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।