
चांपा। नगर के परशुराम चौक के पास अहीर परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ । कलश यात्रा में नगर के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया तथा जलाशय में जाकर वरुण भगवान की पूजा अर्चना की गई।
श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन वेद मंत्रोच्चार के साथ आचार्यों के द्वारा वेदियों मैं देवताओं का आवाहन करवाया गया।छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवताचार्य राजेंद्र महाराज द्वारा प्रथम दिन श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य अर्थात षड अध्यायी का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया गया कि श्रीमद्भागवत महापुराण कलयुग के समस्त दोषों से मनुष्यों की रक्षा करने वाला तथा काल के गाल में समाने के बाद जो कष्ट मिलता है।उन नारको की यातना से हमें मुक्त करने वाला ग्रंथ जो साक्षात भगवान श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है , इस महापुराण का श्रवण करना , अक्षय पुण्य प्रदान करने वाला है।

इसी महापुराण की कथा श्रवण से भक्ति देवी के दोनों पुत्रों ज्ञान और वैराग्य को वृद्धावस्था से तरुण अवस्था की प्राप्ति हुई , भयंकर प्रेत योनि में पड़ा हुआ धुंधकारी साक्षात मोक्ष को प्राप्त किया , और राजा परीक्षित को ब्रह्म सायुज्य प्राप्त हुआ । भागवत महापुराण की कथा गतार्थ को कृतार्थ करने वाली है ।यह संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म भी है जो भाग्योदय होने पर ही प्राप्त होता है, किसी मनुष्य के केवल पुरुषार्थ से ही नहीं मिलता।
आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने बताया की पौराणिक काल से ही भारत भूमि में कथा की प्राचीन परंपरा है । पूर्वकाल में दादा दादी बच्चों को कथा सुनाया करते थे, भागवत की कथा तो मनुष्यों के व्यग्र चित्त को शांत कर मन की व्यथा को हर लेती है । इस महापुराण में द्वादश स्कंध , 335 अध्याय एवं 18000 श्लोक हैं । इस कलयुग में सर्वस्व के कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण ही अक्षराकार रूप में वरदान स्वरुप विद्यमान है।अपना कल्याण की कामना करने वाले को भागवत का आश्रय लेना ही चाहिए।
प्रथम दिवस के महात्म्य कथा को श्रवण करने समारू राम अहीर , विवेकानंद अहीर , संतोषी बाई, विजय सोनी , रामकुमार देवांगन ,चांद राम अहीर , गोपी बरेट ,शिव कुमार थवाईत , रघुनंदन सोनी , दीपक सोनी , राजीव राजीव नयन शुक्ला , अनिल कुमार सोनी , संतोष कुमार यादव देवेंद्र अहिर , राहुल अहीर रजत यादव एवं भावेश अहीर यथार्थ ,शौर्य अहीर आदि अनेक श्रोता गण उपस्थित थे ।
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक श्रीमती निर्मला देवी लक्ष्मी प्रसाद अहीर , श्रीमती पूर्णिमा वीरेंद्र कुमार अहीर , श्रीमती मोनिका राजेश अहीर , श्रीमती द्रोपती सुदेश अहीर , श्रीमती पूनम सुजीत कुमार अहिर , श्रीमती यामिनी देवेंद्र कुमार , श्रीमती दिव्या राहुल कुमार , श्रीमती शांति यादव , श्रीमती कांति उत्तम यादव द्वारा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने हेतु आने की अपील की गई है।