जांजगीर-चांपा। गौरव ग्राम सिवनी नैला में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य प्रवीण मिश्रा ने भक्तों के लिए एक गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रस्तुत किया। इस दिन कथा में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और महाभारत की कथाओं का विस्तृत वर्णन किया गया, जिसने श्रद्धालुओं में भक्ति और सामाजिक जागरूकता को प्रोत्साहित किया।
आचार्य प्रवीण मिश्रा द्वारा प्रहलाद, अजामिल, पुरंजन और बरही की कथाओं का मार्मिक वर्णन श्रोताओं को जीवन के गूढ़ संदेशों को समझने का अवसर प्रदान करता रहा। कथा स्थल को दीपों और विशेष सजावट से सजा कर एक उत्सव जैसा माहौल बनाया गया, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद ले रहे थे।इस आयोजन के मुख्य यजमान रामनारायण वस्त्रकार और उनकी पत्नी सुनीता वस्त्रकार हैं, जिन्होंने इस धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके समर्पण और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह आयोजन ग्रामीण जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहा है।
आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक एकता पर जोर- आयोजकों ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य न केवल धर्म का प्रचार करना है, बल्कि ग्रामीण समाज में आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देना है। कथा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि यह आयोजन ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हो रहा है।कथा स्थल की सजावट और भक्तों की उपस्थिति से गांव में उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है। भक्तिभाव से गूंजते गांव में हर ओर आध्यात्मिक वातावरण है, जो ग्रामीण समाज को एकजुट करने और सनातन संस्कृति को सुदृढ़ करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इस प्रकार सिवनी नैला की गौरव ग्राम पंचायत में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे ग्रामीण जीवन में आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है।