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चांपा नगर पालिका चुनाव: भाजपा के सामने चुनौती, सही प्रत्याशी चयन पर टिकी जीत की उम्मीद …

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चांपा। नगर पालिका में पिछले दो कार्यकाल से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, पिछले चुनाव में अध्यक्ष का चयन पार्षदों द्वारा किया गया था, लेकिन कांग्रेस का उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर काबिज हुआ। इस बार प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के चलते पार्टी को उम्मीद है कि इसका लाभ उन्हें मिलेगा, लेकिन जीत की राह में सबसे बड़ी चुनौती सही प्रत्याशी का चयन करना है।

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भाजपा के सामने कठिन चुनौती – भाजपा के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी में दावेदारों की संख्या कम नहीं है, लेकिन पिछले दो कार्यकालों की हार और नगर पालिका में भाजपा की निष्क्रियता ने जनता के बीच नाराजगी पैदा कर दी है। जनता को विकास कार्यों में सुस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ा है, जिसके चलते पार्टी को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

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सही प्रत्याशी चयन की जरूरत – भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाकर सही प्रत्याशी का चयन करना पार्टी के लिए जरूरी हो गया है। यदि इस बार भी प्रत्याशी चयन में गलती होती है और चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं आता, तो कांग्रेस अपनी हैट्रिक पूरी कर सकती है। ऐसे में, पार्टी के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि चुना गया प्रत्याशी न केवल जनता के बीच लोकप्रिय हो, बल्कि नगर के विकास के लिए प्रतिबद्ध भी हो।

भाजपा के लिए जीत की रणनीति – पार्टी के लिए यह चुनाव नगर में अपनी खोई हुई साख को वापस पाने का एक अवसर है। सही प्रत्याशी के चयन से न केवल भाजपा के जीतने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि जनता के बीच विश्वास भी कायम किया जा सकेगा। इस बार भाजपा को अपने संगठन को सक्रिय करना होगा और जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस योजनाओं के साथ मैदान में उतरना होगा।

इस चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन प्रदेश में सरकार होने के बावजूद नगर स्तर पर उसकी पकड़ को दिखाएगा। यदि पार्टी सही रणनीति अपनाती है और जनता के बीच अपनी उपस्थिति मजबूत करती है, तो वह अपनी पिछली हार का बदला ले सकती है। अन्यथा, कांग्रेस को तीसरी बार जीतने से रोकना मुश्किल हो जाएगा।

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