Uncategorized

भक्तों की मनोकामना को पूरी करने वाली मां मनका दाई खोखरा में विराजित, मन की बात सुनने वाली मां मनकादाई …

img 20250401 wa00005749893133084885457 Console Corptech

जांजगीर चांपाचैत्र नवरात्र शुरू होते ही देवी मंदिरों में आस्था के दीप जल उठे हैं. बिलासपुर से 40 किलोमीटर दूर जांजगीर चांपा जिले के खोखरा गांव स्थित मनका दाई मंदिर में भी चैत्र नवरात्र प भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, इस बार नवरात्र पर लगभग 4 हजार मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की गई है,कहा जाता है मां मनका दाई भकतों के मन की बात जान लेती है इसलिए उनका नाम मनका दाई पड़ा।

WhatsApp Image 2025 10 13 at 10.02.11 Console CorptechWhatsApp Image 2025 10 01 at 13.56.11 Console Corptech

मनका दाई मंदिर में नवरात्रि – पौराणिक मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं, मां उनकी मनोकामना जरूर पूरी करती हैं, वैसे तो साल भर यहां श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते है, लेकिन नवरात्रि पर दूर दूर से भक्त मां के दर्शन करने मंदिर आते हैं

WhatsApp Image 2025 10 01 at 21.40.40 Console Corptech

मां मनका दाई मंदिर की मान्यता – खोखरा गांव में विराजी मां मनका दाई की स्थापना के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में जब गांव में अकाल पड़ा और लोग पानी के लिए तरसने लगे,तभी उन्हें गांव की एक भैंस के सींग में कीचड़ देखने को मिला,जिसे देखकर ग्रामीणों को पानी मिलने की आस जगी, दूसरे दिन लोग भैंस के पीछे जंगल में पहुंचे, वहां पानी से भरा एक तालाब मिला,जिसके बारे में गांव वालों को पता ही नहीं था

उसी दिन गांव के मालगुजार तिवारी परिवार के एक सदस्य रामखिलावन तिवारी नाम के व्यक्ति के सपने में मां आई और उन्होंने बताया कि तालाब की मिट्टी से एक मूर्ति बना कर उसकी पूजा मनका दाई के रूप में करें, जिसके बाद तिवारी परिवार और ग्रामीणों ने मिलकर पूजा शुरू की, समय बीतता गया, किसी वजह से मिट्टी की मूर्ति खंडित हो गई, जिसके बाद लोगों ने माता की मूर्ति लेने कोलकाता पहुंचे और वहां से संगमरमर की सौम्य रूप की मूर्ति लेकर गांव पहुंचे, तब से मां के उसी रूप की पूजा गांव में हो रही है,माता रानी गांव खोखरा में आदिकाल से विराजमान है,नवरात्रि के पहले दिन गांव की सैकड़ों से कन्याएं कलश यात्रा में भाग लेकर गांव में भ्रमण करती हैं,जिसके बाद घट स्थापना और पूजा अर्चना कर नवरात्रि की शुरुआत की जाती हैं, इस मंदिर में दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए नौ दिनों तक भंडारे की भी व्यवस्था की जाती हैं।

कुल देवी मां मनकादाई की नौ दिनों तक पूजा में नवरात्रि के पहले दिन से लेकर नौ दिनों तक मालगुजार तिवारी परिवार के एक सदस्य को जजमान के रूप में बिठाया जाता हैं,मालगुजार तिवारी परिवार के सदस्य और ट्रस्ट के संतोष कुमार तिवारी बताते हैं कि मां मनकादाई तिवारी परिवार की कुल देवी हैं,और गांव वाले भी कुल देवी के रूप में मानते हैं,कई पीढ़ी से उनके परिवार का जुड़ाव मां मनका देवी से है, पहले यह मंदिर जीर्णशीर्ण में पड़ा हुआ था, जिसे ट्रस्ट बनाकर मंदिर को सुंदर कलाकृति देकर तैयार किया गया हैं, माता जी से जुड़ाव हमारा कई पीढ़ी से है,मां मनकादाई का पवित्र स्थल पुराने जमाने में साधु संतों का गढ़ माना जाता था,इस पवित्र स्थल पर बिहार, उत्तरप्रदेश जैसे अन्य प्रांतों से हजारों की संख्या में साधु संत आते थे और तपस्या करते थे

img 20250401 wa00017342101714013338084 Console Corptech

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में दूर दूर से भक्त मनका देवी मंदिर पहुंचते हैं. सप्तमी और अष्टमी के दिन भक्त लोट मारते हुए अपनी मनोकामना लेकर मां के दरबार पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

कैसे पहुंचे मंदिर – मां मनका दाई मंदिर खोखरा जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण दिशा में स्थित है। मुंबई हावड़ा रेल मार्ग पर नैला जांजगीर रेलवे व चांपा रेलवे स्टेशन में उतरकर बस ऑटो से पहुंचे जा सकते है। ग्राम खोखरा वर्तमान में नेशनल हाइवे 49 से जुड़ा गया है। नजदीक एयरपोर्ट रायपुर से 150 किलोमीटर की दूरी व बिलासपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Related Articles