एसडीएम,तहसीलदार, सीएमओ से लेकर नेता तक सब खामोश: हनुमान धारा में राखड़ पाटने का रातों-रात खुला खेल …



🔴 राखड़ कांड पर एसडीएम–तहसीलदार–सीएमओ और नेताओं की चुप्पी क्यों? हनुमान धारा में मिलीभगत का बड़ा खेल उजागर…
चांपा का हनुमान धारा खतरे में! एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ और नेताओं की मौन स्वीकृति से राखड़ माफिया बेलगाम…
रातों-रात राखड़ पाटने का धंधा: एसडीएम–तहसीलदार–सीएमओ और नेताओं पर उठे बड़े सवाल…
पर्यटन स्थल में राखड़ भराई—अधिकारियों और नेताओं की सांठगांठ का बड़ा खुलासा…

🔴 जन आंदोलन की तैयारी में नगरवासी…
चांपा। नगर के एकमात्र प्रमुख पर्यटन स्थल हनुमान धारा में रातों-रात तेज़ी से हो रहा राखड़ पाटने का काम बड़े विवाद का कारण बन गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार प्रतिदिन देर रात करीब 4 से 5 हाइवा वाहनों द्वारा भारी मात्रा में राखड़ डाला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस गतिविधि की जानकारी एसडीएम, तहसीलदार, नगर पालिका चांपा के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं को होने के बावजूद किसी ने रोकने की पहल नहीं की। इससे लोगों में यह धारणा बन रही है कि इस कार्य को “मौन स्वीकृति” मिली हुई है।
सूत्रों ने बताया कि जमीन दलालों व भू-माफियाओं की सांठगांठ से यह पूरा खेल चल रहा है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका परिषद चांपा के द्वारा पहले स्लैगचुरी के लिए एनओसी जारी की गई थी, लेकिन अब राखड़ पाटने की अनुमति किससे मिली—इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। नगर पालिका के सीएमओ तक को इस काम की सही जानकारी नहीं होने की बात सामने आ रही है।
स्थानीय नागरिकों और सूचनाओं के अनुसार, नगर के भीतर लाखों टन राखड़ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से डाला जा रहा है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भारी संकट खड़ा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि राखड़ का अनियंत्रित उपयोग और उसका शहर में जमाव भविष्य में वायु प्रदूषण, सांस संबंधी बीमारियों और जलस्रोतों के प्रदूषण का बड़ा कारण बन सकता है।

कलेक्टर कर रहे प्रयास, लेकिन स्थानीय स्तर पर उदासीनता?
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर द्वारा हनुमान धारा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत इन प्रयासों को कमजोर कर रही है। जो पर्यटन स्थल विकास का केंद्र होना चाहिए था, वह अब अवैध गतिविधियों का अड्डा बनता दिख रहा है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि— राखड़ पाटने की अनुमति किसने दी, इसकी तत्काल जांच हो। रात में चल रहे वाहनों की निगरानी और रोकथाम की जाए।संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
फिलहाल शहर में इस मामले को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो यह राखड़ आने वाले समय में चांपा के लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं और पर्यावरणीय संकट का जिम्मेदार बन जाएगा।
राखड़ पाटने की जानकारी मिली है। इस संबंध में मड़वा प्लांट को नोटिश जारी किया गया है।पर्यावरण विभाग के अधिकारी को जानकारी दिया गया है वे भी आ रहे है फिर मैं स्वयं अपनी टीम के साथ हनुमान धारा जाकर निरीक्षण करूंगा।जांच कर विधिवत कार्रवाई की जाएगी – प्रशांत पटेल,तहसीलदार, चांपा …





