
चांपा । इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय के द्वारा पुण्य सलिला वैनगंगा के तट पर बसा बालाघाट चर्चित नगर जहाँ राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व का 21 वाँ तथा प्रथम अनोखा महाभव्य अनुष्ठान सहयोगात्मक रुप से सादगी पूर्वक आयोजित हुआ। उक्त अवसर पर 19 राज्यों से प्रतिष्ठित साहित्य विद, इतिहास विद, समाज शास्त्री, शिक्षाविद, पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती पूजन, सरस्वती वंदना, स्वागत गीत पश्चात,गंगोत्री वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया गया है, जिसकी प्रधान सम्पादक श्रीमती कविता गहरवार जी हैं तथा अन्य पत्र पत्रिकाओं का विमोचन अतिथि द्वारा किया गया पुरातत्व एवं साहित्य संगोष्ठी आयोजित किया गया जिस पर देश भर से आए अनेक ज्ञाताओं ने भाग लिया और अपना विचार साझा लिए।
द्वितीय चरण दोपहर में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ कार्य कर रहे हैं और अपनी एक अलग छबि बनाए हैं उनके इस उत्कृष्टता और रचनात्मक कार्यों का परीक्षण करने के बाद उन्हे इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान के द्वारा वाचस्पति की मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया गया जिसमे छत्तीसगढ़ के आईसेक्ट कम्प्यूटर कॉलेज के संचालक और वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रेस क्लब चांपा के सचिव मूलचन्द गुप्ता को भी उनके उत्कृष्ठ और रचनात्मक कार्यों के लिए वाचस्पति की मानद डॉक्टरेट उपाधि से अलंकृत किया गया।तृतीय सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित था जिसमे राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय एवं स्थानीय कवियों द्वारा कोरोना और विभिन्न छंदों पर स्वर रचनाएँ प्रस्तुत कर रसावादन किया।