जांजगीर-चांपा
। लोककला यथा लोकगीत/लोकगायन /लोक नृत्य जैसे-पंथी,पंडवानी,भरथरी तथा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगो के पारंपरिक लोक वाद्य आदि में कलाकारों की प्रतिभा की पहचान करने एवं उन्हे प्रोत्साहित करने छ0ग0 राज्य में निवासरत अनुसूचित जाति नर्तक दलों से 18 नवंबर को सायं 5.00 बजे तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई है। प्रविष्यिां जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला कार्यालय में जमा किया जा सकता है। सहायक आयुक्त अदिवासी विकास कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रविष्टि करने के लिए आवेदन के साथ अनुसूचित जाति लोककला (नर्तक) दल का पूर्ण परिचय। अनुसूचित जाति वर्ग में अपनी पारंपरिक कला के माध्यम से चेतना जागृत करने तथा सामाजिक उत्थान के लिए यदि कार्य किए गए है तो इसका विवरण। यदि कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किया गया हो तो उसकी जानकारी। प्रविष्टिकर्ता के उत्कृष्ट कार्य के विषय में कोई लेख प्रकाशित हुआ हो तो उसका विवरण की प्रतियां । सामाजिक चेतना जागृत करने/सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उसके कार्य के संबंध में कोई प्रख्यात व्यक्ति एवं पत्र-पत्रिकाओं द्वारा टिप्पणी की गई हो तो उसकी सत्यापित प्रति जमा करना होगा।
पुरस्कार –
राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार-1.00000 (एक लाख रूपये), द्वितीय पुरस्कार-75.000 (पचहत्तर हजार रूपये), तृतीय पुरस्कार 50.000(पचास हजार रूपये) निर्धारित की है।