
जांजगीर-चांपा। गोपाल गुलशन सोनी ने प्रदेशवासियों को विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। विश्व आदिवासी दिवस सोनी ने कहा है कि आदिवासी जनजातियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए पूरी दुनिया में 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। जनजाति बाहुल्य प्रदेश होने के कारण छत्तीसगढ़ को जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर विरासत में मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम विरासत और संस्कृति को सहेजते हुए उनके विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री सोनी ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास की राशि से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं से उनका जीवन अधिक सरल हो सका है। तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार प्रति मानक बोरा करने, 67 तरह के लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर संग्रहण और विक्रय के साथ ही इनका स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से हजारों आदिवासियों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है । वन अधिकार पट्टों के मिलने से हजारों आदिवासियों की आवास और आजीविका की चिंता दूर हुई है।विगत साढ़े चार वर्षों में देवगुड़ी ठाकुरदेव एवं सांस्कृतिक केंद्र,घोटुल निर्माण, मरम्मत योजना के तहत दी जाने वाली राशि में उल्लेखनीय रूप से पांच गुना वृद्धि की गई है। साथ ही आदिवासी तीज-त्यौहारों के उत्साहपूर्ण आयोजन के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना शुरू की गई है। आदिवासी पर्वों के गरिमामय आयोजन के लिए ग्राम पंचायतों को 10 हजार की अनुदान सहायता दी जा रही है।