
चांपा। जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर अश्वनी भारद्वाज ने बम्हनीडीह ब्लॉक को टारगेट कर रखा है । अतिशेष शिक्षक के मामले में साजिश कर जहाँ कलेक्टर को गुमराह में रखकर बीईओ एम डी दीवान के खिलाफ प्रतिवेदन देकर निलंबित कराया जबकि बीईओ की सूची सही थी जिले में ही फेरबदल किया गया और जिम्मेदार बीईओ को ठहरा दिया गया।अब फिर से बम्हनीडीह ब्लॉक में पदस्थ एबीईओ रत्ना थवाईत की जगह दूसरे ब्लॉक के अपने करीबी एबीईओ ललित जाटवर को बीईओ बम्हनीडीह का प्रभार दे दिया गया जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है।
ब्लॉक में एबीईओ के रहते दूसरे ब्लॉक के एबीईओ को प्रभार नही दिया जा सकता है।इससे ऐसा लगता है कि डीईओ बम्हनीडीह के खिलाफ साजिश रचने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।इसके पहले इसी जिले में अकलतरा ब्लॉक में बीईओ के हटने के बाद वही पदस्थ एबीईओ रत्नमाला सिंह को प्रभारी बीईओ बनाया गया जो अभी भी अकलतरा में कार्य कर रही है । एक ही जिले में अलग अलग ब्लॉक के लिए डीईओ का अलग नियम समझ से परे है। अपनो को उपकृत करने के लिए वे नियम कायदों को भी दरकिनार कर दे रहे है।उनकी जब जैसी मर्जी मनमाने ढंग से आदेश कर रहे है। जिला प्रशासन द्वारा शायद उन्हें खुली छूट दे दी गयी है । सब जगह महिलाओं को उनके अधिकार दिलाए जा रहे है लेकिन डीईओ भारद्वाज द्वारा महिला सशक्तिकरण का मजाक उड़ाया जा रहा है । उनके अधिकार का हनन कर अपने करीबी को बीईओ का प्रभार दे दिया गया जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है और एबीईओ रत्न थवाईत के अधिकार का हनन है।युक्तियुक्तकरण कॉउंसलिंग में भी डीईओ ने मनमानी की है इसके बाद भी जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नही कर रहा है।
कलेक्टर को कर रहे गुमराह – डीईओ द्वारा युक्तियुक्तकरण में अतिशेष शिक्षको के मामले में कलेक्टर को गुमराह किया गया लगभग सभी ब्लॉकों में खामियां रही जिसे सुधार कर कॉउंसलिंग किया गया लेकिन बम्हनीडीह के खिलाफ प्रतिवेदन । अब बीईओ प्रभार के मामले में भी कलेक्टर को गुमराह कर अपने करीबी एबीईओ को बीईओ बम्हनीडीह का प्रभार दे दिया गया ।