चांपा। नई शिक्षा नीति के तहत विकास खंड शिक्षा अधिकारी एमडी दीवान के निर्देशानुसार एवं बीआरसी एच के बेहार के मार्गदर्शन में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन बीआरसी भवन मे किया गया।जिसमें विकास खंड के प्रत्येक संकुल से एक सक्रिय महिला शिक्षक तथा संकुल समन्वयक उपस्थित थे।महिला उन्मुखीकरण एवं खेल-खेल में शिक्षा को बढ़ावा देते हुए एक नई पहल को मूर्त रूप प्रदान करने में अंगना म शिक्षा 3.0 कार्यक्रम के तहत बम्हनीडीह ब्लाक प्रभारी उदिता सिंह सिसोदिया के आतिथ्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के बम्हनीडीह ब्लाक प्रभारी उदिता सिंह सिसोदिया व उरमिला कंवर ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में कक्षा पहली व दूसरी छोटे बच्चों एवं माताओं को अपने बच्चों को घर पर रहकर स्कूल के लिए तैयार करने के उद्देश्य से ’अंगना म शिक्षा 3.0’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।दरअसल छत्तीसगढ़ में बच्चों की शिक्षा को रूचिपूर्ण बनाने और उन्हें खेल-खेल में ही भाषाई व गणितीय व विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराने के लिए अंगना म शिक्षा 3.0 कार्यक्रम की शुरुआत विभाग द्वारा की गई है।
अंगना म शिक्षा 3.0 मूलतः माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम है।इस हेतु एक्टिव मदर कम्युनिटी (एएमसी)सक्रिय मातृ समुदाय का प्रत्येक प्राथमिक शालाओ में गठन किया गया है,जो प्रमुखता के साथ बच्चों के शाला पूर्व तैयारी में अपना योगदान देंगे।जिस तरह पिछले 2 वर्ष से अंगना म शिक्षा मेला का आयोजन किया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार इस वर्ष भी विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम डी दीवान ने अपने उद्बोधन में कहा कि अंगना में शिक्षा 3.0 कार्यक्रम में विकासखंड बम्हनीडीह ने अपनी विशेष पहचान बनाई है,यहां स्वप्रेरित शिक्षिकाओं को अधिक से अधिक स्मार्ट माताओं को जोडने के लिए कहा गया, ताकि वे घर पर अपने बच्चों के साथ गतिविधि कर बच्चों के सर्वांगिण विकास में सहयोगी हो।बीआरसी एच के बेहार ने कहा कि अंगना म शिक्षा3.0 कार्यक्रम का मुख्य उद्वेश्य बच्चों का संपूर्ण विकास करना है वह भी माताओं के द्वारा घर पर ही पारिवारिक वातावरण में आनंदमय माहौल में हो।प्रशिक्षण मे अंगना म शिक्षा के अब तक के सफर को विस्तार से बताया गया कि किस प्रकार से यह कार्यक्रम स्वप्रेरित महिला शिक्षिकाओं के द्वारा शून्य निवेश पर शुरुआत किया गया और इसमें माताओं को जोडकर उनकी क्षमता वृद्धि कर उनकी सहभागिता प्राप्त किया गया।स्मार्ट माता का चयन कर उनका गठन कर उन्हें टेलीग्राम से जोडना ताकि ताकि वे गतिविधियों को आदान प्रदान कर सके।जनवरी से मार्च तक बच्चों के माताओं के साथ गतिविधि कराई जानी है जिसमें प्रत्येक माह एक एक गणित व भाषा की गतिविधि खेल खेल के माध्यम से होगी।जिसमें अक्षरों को जोडकर शब्द निर्माण, जोडने घटाने की संक्रिया, सम विषम की पहचान करना बताया जायेगा।कार्यक्रम में कार्यक्रम में सिर्फ कक्षा पहली व दूसरी के बच्चे व उनकी माताएं भाग लेगी।25 अप्रैल को पढाई तिहार मनाया जाएगा जिसमें मेला का आयोजन कर नौ काउंटर बनाया जाएगा और इसमें आंगनबाड़ी, बालवाडी के बच्चों और माताओं को शामिल किया जाएगा ताकि वे बच्चे आने वाले सत्र में शाला प्रवेश के पूर्व जानकारी प्राप्त कर सके।प्रशिक्षण मे प्रथम फाउंडेशन के प्रभारी रंजीत ने भी विस्तृत जानकारी दी।धन्यकुमार पांडे के द्वारा भाषा के चार कौशल सुनना, बोलना, पढना, लिखना के साथ ही साथ विचार कौशल और समझ के साथ पढना के बारे मे अपने विचार रखे।प्रशिक्षण में बच्चे व माताएं भी उपस्थित थी।उक्त जानकारी डा उमेश कुमार दुबे ने दी।