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छत्तीसगढ़ : सरकारी विभागों में किराया की गाड़ियों पर लगा ब्रेक,वित्त विभाग ने जारी किया आदेश …

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग में गाड़ी किराया पर लेने पर रोक लगा दी गई है। वित्त विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन की पुस्तिका में वाहन किराये पर लेने संबंधी अधिकार समाप्त कर दिए गए है।अपवाद स्वरूप वित्त विभाग की सहमति से ही वाहन विशेष उद्देश्य व निर्धारित अवधि के लिए किराया पर लिया जा सकता है।वित्त विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा है कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि विभिन्न विभागों एउनके अधीनस्थ कार्यालयों/ निगम/मंडल/ अनुदान संस्थाओं द्वारा किराया का वाहन उपयोग में लिया जा रहा है तथा उक्त वाहनों के किरायें की दरों में एक रूपता नहीं है।अतः एकरूपता की दृष्टि से परिशिष्ट अनुसार वाहनों समतुल्य वाहनों के किराया हेतु दर तथा परिशिष्ट-ब के अनुसार किराये की शर्त निर्धारित किया जाता है। किराये के वाहन की दरें राज्य मद से किराये पर लिये जाने वाले वाहनों के साथ केन्द्र पोषित अथवा अन्य मदो से वित्त पोषित योजनाओं के तहत किराये पर भी लिये जाने वाले वाहनों पर समान रूप लागू होगें।वाहन किराया पर लेने के लिए वित्त विभाग की अनुमति के साथ इन शतों का करना होगा पालन।

1. किराये पर उपलब्ध कराये जाने वाले वाहन का मॉडल वष2020 या उसके बाद का होना चाहिए, इन वाहनोंपंजीयन संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि अनिवार्यत: ली जाये।

2. वाहन के समस्त दस्तावेज जीवित बीमा (कम्प्रहेन्सिवतथा फिटनेस प्रमाण पत्र आदि होना अनिवार्य है। उपरोत्तसभी का भुगतान वाहन मालिक द्वारा किया जावेगा। बीमसंबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि जमा किया जाये।

3. वाहन मुख्यालय पर रहने एवं मुख्यालय से बाहर रहने पकोई अतिरिक्त राशि देय नहीं होगा।

4. किराये की अवधि में वाहन आबंटित अधिकारी केआधिपत्य में रहेगा तथा फर्म के द्वारा अपने निजी प्रयोजनअथवा का्यलय से हटकर अन्य कार्य हेतु वाहन का उप्योगकिया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से वाहन हटा दियाजावेगा।

5. वाहन की मरम्मत, रख-रखाव, दुर्घटना दावा एवं समस्तअन्य खर्च वाहन मालिक द्वारा वहन किया जाएगा।6. उपयोग के दौरान वाहन के खराब होने की स्थिति मेंसमतुल्य वाहन तत्काल उपलब्ध कराना होगा। वाहन तत्कालउपलब्ध न कराये जाने पर उक्त दिवस की राशि कटौती कीजाएगी। यदि कार्यालय द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाती है,तो व्यय पूर्ति की जवाबदारी फर्म की होगी ।

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