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छत्तीसगढ़ में प्रमोशन के पद खाली, शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तकरण से पहले किया प्रमोशन की मांग…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की पदोन्नति से पहले युक्तियुक्तकरण करने से शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षक संघ ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि युक्तियुक्तकरण से पहले प्रमोशन किया जाए। ग्रेडेशन की त्रुटियों का निराकरण, अद्यतन तथा पदों का समुचित विभाजन करने के बाद ही युक्तियुक्तकरण किया जाए।

शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण के पहले हो पदोन्नति। कर्मचारी हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य के सबसे बड़े विभाग स्कूल शिक्षा विभाग की बेतरतीब कार्यशैली, लालफीताशाही व कर्मचारी हितों के प्रति उदासीनता से विभाग के लाखों कर्मचारी न केवल आहत हैं, बल्कि उनमें भारी आक्रोश भी व्याप्त है। स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के लगभग 40 हजार संस्था प्रमुख व शिक्षकीय पद रिक्त हैं। व्याख्याता व प्राचार्य के रिक्त पदों पर 07 वर्षों से पदोन्नति नहीं दी गई है, जबकि फीडिंग कैडर के लाखों कर्मचारी बेसब्री न केवल पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं बल्कि पदोन्नति से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं।विभाग में आलम यह है कि स्थानांतरण, युक्तियुक्तकरण, नई नई योजनाएं बनाने आदि में तो भारी रुचि ली जाती है, भले ही उसमें भर्राशाही व्याप्त होकर भारी अव्यवस्था फैल जाए, लेकिन कर्मचारी हितैषी पदोन्नति जैसे कार्यों में विभाग की नीयत पर प्रश्नचिन्ह है।

प्राचार्यों और व्याख्याताओं का सात साल से प्रमोशन नहींवीरेंद्र दुबे ने प्रेस नोट में बताया है कि वर्तमान में प्राचार्य व व्याख्याता पदों पर पदोन्नति के लिए विगत 07 वर्षों से जारी हो रही त्रुटिपूर्ण सूची से ही प्रस्ताव मंगाई गई है, जबकि संगठन ने उक्त सूचियों की सैकड़ों त्रुटियों का प्रमाण सचिव व संचालक महोदय सहित जिम्मेदार अधिकारियों को सौंपकर सत्यापन करने व त्रुटि रहित सूची जारी करने की मांग की थी।स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 01 लाख 80 हजार एल बी संवर्ग के शिक्षकों को उनकी संख्या के अनुपात में पदोन्नति का पद नहीं दिया जा रहा है जो कि एल बी संवर्ग के हितों के प्रति कुठाराघात है।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी चन्द्रशेखर तिवारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर, सत्येंद्र सिंह, विवेक शर्मा, गजराज सिंह, राजेश शर्मा, शैलेन्द्र सिंह, प्रह्लाद जैन, सन्तोष मिश्रा, सन्तोष शुक्ला, शिवेंद्र चंद्रवंशी, दीपक वेंताल, यादवेंद्र दुबे, सर्वजीत पाठक, मंटू खैरवार, पवन दुबे, भोजराम पटेल, विनय सिंह, आशुतोष सिंह, भानु डहरिया, रवि मिश्रा, जितेंद्र गजेंद्र, अजय वर्मा, अतुल अवस्थी, कृष्णराज पांडेय, घनश्याम पटेल, कैलाश रामटेके, बुध्दहेश्वर शर्मा, प्रदीप पांडेय, देवव्रत शर्मा, अब्दुल आसिफ खान, अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत, द्वारिका भारद्वाज, खेमन साहू, सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख, तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

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