ट्रैक्टर चालक की पिटाई करने वाली महिला तहसीलदार सस्पेंड,तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने किया कार्रवाई का विरोध …
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में महिला तहसीलदार संध्या नामदेव पर एक ट्रैक्टर चालक की पिटाई के आरोप के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप था कि उन्होंने ट्रैक्टर चालक की पिटाई की और उसे थाने में पेश कराया। अब जांच के बाद प्रदेश सरकार के राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने महिला तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया है।
बता दें कि संध्या नामदेव मानपुर तहसील में पदस्थ थीं। खैरागढ़ में ट्रैक्टर चालक की पिटाई की गई थी। इस घटना के बाद से ही महिला तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही थी। जिसके बाद एक्शन लिया गया है। 15 दिन पूर्व, तहसीलदार संध्या नामदेव अपने कार से तोलूम मार्ग से गुजर रही थीं। इस दौरान, एक ट्रैक्टर चालक द्वारा साइड न देने के कारण, उन्होंने अपनी कार से ओवरटेक करके ट्रैक्टर को रोका। इसके बाद, उन्होंने ट्रैक्टर चालक तरुण मंडावी की पिटाई कर दी और उसे थाने भिजवा दिया।मामला सामने आने के बाद तहसीलदार संध्या नामदेव को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा गया। तहसीलदार ने अपने जवाब में प्रार्थी तरुण मंडावी की शिकायत को गलत बताया था। लेकिन कलेक्टर की जांच में तहसीलदार की गलती साबित हुई। इसके बाद तहसीलदार संध्या नामदेव को निलंबित कर दिया गया है।
जांच में तहसीलदार की कार्रवाई को बताया गलत कलेक्टर एस जयवर्धन ने अपनी जांच में कई महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट की हैं। कलेक्टर ने अपनी जांच में पाया कि ट्रैक्टर को तहसीलदार के कहने पर ही मानपुर थाने भिजवाया गया था। इसके अलावा, तहसीलदार को किसी गंभीर घटना की आशंका थी, तो उन्हें तत्काल अपने उच्च अधिकारी को अवगत कराना चाहिए था, जो कि उन्होंने नहीं किया।कलेक्टर के अनुसार, बिना किसी विधिवत जांच पड़ताल के और उच्च अधिकारियों को अवगत कराए बिना वाहन को जप्त कर थाने में खड़े करवाने की कार्रवाई नियमों के विपरीत है। कलेक्टर के अनुशंसा के अनुसार संध्या नामदेव तहसीलदार मानपुर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत आचरण करने पर निलंबित कर दिया गया।
तहसीलदार संध्या नामदेव के निलंबन के बाद, उनका मुख्यालय कलेक्टर जिला दुर्ग कार्यालय में नियत किया गया है। लेकिन तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने तहसीलदार के निलंबन को गलत बताया है।नीलमणि दुबे के अनुसार, ट्रैक्टर में सवार तीनों लड़के शराब के नशे में थे, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से तहसीलदार ने ट्रैक्टर को सिर्फ थाने भेजा था। उन्होंने कहा कि तहसीलदार का निलंबन आदेश पूर्णतः गलत हैं।