हजार की मदद से हजारों की कमाई, चांपा में महतारी वंदन योजना बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल …



जांजगीर-चांपा। महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मसम्मान एवं समाज में उनकी निर्णायक भूमिका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा संचालित महतारी वंदन योजना आज महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना प्रत्येक वर्ग की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उन्हें आजीविका के नए अवसरों से जोड़ रही है। महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह मिलने वाली आर्थिक सहायता उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। योजना से लाभान्वित महिलाएं इस राशि का सदुपयोग कर छोटे-छोटे व्यवसाय प्रारंभ कर रही हैं, जिससे वे न केवल अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं, बल्कि परिवार और समाज में एक सशक्त पहचान भी बना रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी है श्रीमती उर्मिला यादव की।

तहसील मुख्यालय चाम्पा के वार्ड क्रमांक 02 निवासी श्रीमती उर्मिला यादव ने महतारी वंदन योजना के प्रारंभ होते ही इसमें आवेदन किया। उन्हें योजना के अंतर्गत नियमित रूप से प्रतिमाह 1000 रूपए की सहायता राशि प्राप्त हो रही है। श्रीमती उर्मिला यादव ने इस राशि को केवल खर्च करने के बजाय भविष्य की दिशा बदलने का माध्यम बनाया। उन्होंने पाँच माह तक प्राप्त राशि को सहेजकर, कुछ अतिरिक्त बचत जोड़ते हुए आर्टिफिशियल गहनों के व्यवसाय की शुरुआत की। आज वे अपने घर से ही पायल, बिछिया, मंगलसूत्र सहित विभिन्न प्रकार के आर्टिफिशियल गहनों का विक्रय कर रही हैं। इसके साथ ही वे आसपास के ग्रामों में लगने वाले साप्ताहिक हाट-बाजारों में भी जाकर अपने उत्पाद बेच रही हैं। इस छोटे से व्यवसाय से श्रीमती उर्मिला यादव को प्रतिमाह लगभग 2000 रूपए तक की अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। इससे न केवल उनकी मासिक आय में वृद्धि हुई है, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति में भी निरंतर सुधार हो रहा है। आज वे स्वयं को आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं और अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम बनी हैं। श्रीमती उर्मिला यादव का कहना है कि महतारी वंदन योजना ने उन्हें आत्मविश्वास दिया, सोच को नई दिशा दी और आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान किया।

इसी प्रकार चांपा निवासी श्रीमती ज्योति कसेर की आर्थिक स्थिति महतारी वंदन योजना से पूर्व आर्थिक रूप से कमजोर थी। वे घरेलू महिला के रूप में जीवनयापन कर रही थी। योजना प्राप्त सहायता राशि से उन्होंने पापड़ व्यवसाय की शुरुआत की। आज इस व्यवसाय से उन्हें प्रतिमाह लगभग 5000 रूपए का लाभ हो रहा है, जिससे वे अपने परिवार की शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर पा रही हैं। महतारी वंदन योजना ने ज्योति कसेर को आत्मनिर्भर बनाया है और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इसके साथ ही ग्राम सरहर की श्रीमती सुमित्रा कर्ष बताती है कि महतारी वंदन योजना से पूर्व आर्थिक स्थिति संतोषजनक नहीं थी और वे एक घरेलू महिला के रूप में जीवनयापन कर रही थीं। योजना अंतर्गत 8 मार्च 2024 एवं अप्रैल 2024 में प्रथम एवं द्वितीय किस्त प्राप्त होने के पश्चात उन्होंने श्रृंगार सामग्री की छोटी दुकान प्रारंभ की। धीरे-धीरे दुकान से नियमित विक्रय होने लगा, जिससे वर्तमान में उन्हें प्रतिमाह लगभग 1000 रूपए की अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और वे अब अपने परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं में सहयोग करने में सक्षम हो गई हैं।

इसी प्रकार हितग्राही श्रीमती कुसुम देवी पाण्डेय, पति कृष्ण कुमार पाण्डेय, योजना से पूर्व गृहणी के रूप में जीवनयापन कर रही थीं। महतारी वंदन योजना अंतर्गत प्राप्त राशि से उन्होंने श्रृंगार दुकान प्रारंभ की, जिसे आगे बढ़ाते हुए अन्य सामान भी शामिल किए। वर्तमान में दुकान से उन्हें प्रतिमाह लगभग 2000 रुपए का लाभ हो रहा है, जिससे वे परिवार को आर्थिक सहयोग दे रही हैं तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर पा रही हैं।




