चांपा। स्थानीय निवासी रामकमल देवांगन श्रीमती सती देवांगन के निवास पर विगत 11 फरवरी से पांच दिवसीय माता रात माई कन्हाई की श्वेत बांध पूजा कार्यक्रम के अंतिम दिवस 14 फरवरी को बाजा गाजा और मांदर के थाप से माता परमेश्वरी की भव्य शोभायात्रा जल भरण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस बांध पूजा के मुख्य गुरु पंचराम देवांगन ने इस अवसर पर उपस्थित भक्तजनों को स्वजातीय बंधुओं को इसके महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि राजा इंद्र की बेटी तालाब में जाकर पूजा करने और जल भरने के लिए बहुत जिद करती है राजा इंद्र अपनी सुपुत्री को समझाते हैं कि मेरे यहां चांद और सूरज जैसे देवी देवता है जिसकी तुम आराधना करो पूजा करो, पर सुपुत्री के सागर ही जाना चाहती है बहुत आग्रह के बाद राजा इंद्र उसको अनुमति देते हैं और उसकी व्यवस्था करते हैं उसके सात सहेलियां आगे चलती है और सात सहेलियां पीछे और बीच में माता रात माही कन्हाई सागर में जाती है मार्ग में उनके साथ विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्र मांदर ढोल मंजीरा इत्यादि के साथ गाते बजाते हुए सुन्दर वस्त्रों से सज्जित लोग चलते हैं।रात माई कन्हाई सागर से (तालाब से) जल भर कर लाती है, जब इंद्र ने देखा की माता की सुंदर श्रृंगारकर और सिर पर जल का मटका लिए हुए और ऊपर में एक दिव्य ज्योति जल रही है तब उन्होंने सभी देवी देवताओं को निमंत्रण भेजा कि हम आज हमारी बेटी सागर से जल भरकर लाई है और सुंदर पकवान बनाएगी आप सभी देवी देवता उस माता रात माई कन्हाई का दर्शन कर भोग प्रसाद को ग्रहण करें।
इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए अनुष्ठान के समापन के अवसर पर रानी रोड चांपा से माता रात माई कन्हाई का दिव्य जल भरण कार्यक्रम एवं शोभायात्रा निकाली गई।शोभायात्रा रानी रोड से निकलकर हनुमान चौक, मां समलेश्वरी मंदिर होते हुए कदम चौक, चौपाटी रोड, लायंस चौक होकर मछली तालाब स्थित तालाब तक निकली।
तालाब में पूजन कर काली मिट्टी के घड़े में जल भरकर और माता रूप में मातृशक्ति सुंदर श्रृंगार कर फिर शोभायात्रा के साथ वापस निवास स्थान पर पहुंची।इस भव्य शोभायात्रा में भारी संख्या में माताएं बहनें एवं पुरुष शामिल हुए नगर के साथ-साथ आसपास से आमंत्रित बंधु भगिनी बच्चे शामिल हुए। प्रत्येक घर से इस शोभायात्रा के दर्शन के लिए उमड़ पड़े।
शोभायात्रा के पश्चात शामिल सभी भक्तजनों के लिए देवांगन समाज के लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की गई थी, महाप्रसाद में 8000 लोगों के लिए खीर, पुरी, बड़ा, सिझौरी, दाल, भात, सब्जी इत्यादि बनाने के लिए देवांगन समाज के महिला पुरुष स्वस्फूर्त आगे आकर प्रसाद बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया।सायं के समय सभी लोगों ने एक साथ बैठकर महाप्रसाद ग्रहण किया।शोभायात्रा के साथ, प्रसाद बनाने में, एक साथ बैठकर भोजन करने में एवं पूरे आयोजन में समाज की एकजुटता प्रदर्शित होती है और एक आध्यात्मिक भावना प्रगट होती हैं। आयोजन के सफलता पर आयोजक परिवार ने गुरुजनों, समाज के सभी बंधु भाई बहनों, कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया।