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स्वामी आत्मानंद स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस आयोजित किया गया …

चांपा। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय चांपा में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर विविध आयोजन किए गए स्कूल के विद्यार्थियों ने विभिन्न स्लोगन एवं आकर्षक पोस्टर एवं निबंध लेखन के माध्यम से साक्षरता के महत्व का संदेश दिया। विद्यालय के सभी विद्यार्थियों द्वारा लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से साक्षरता रैली निकाली गई। रैली में विद्यार्थियों ने साक्षरता से संबंधित विभिन्न नारे लगाते हुए लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक किया।

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आयोजित साक्षरता दिवस कार्यक्रम में प्राचार्य रमाकांत साव ने कहा कि किसी भी देश का सबसे बड़ा अभिशाप वहां के लोगों की निरक्षरता है किन्तु नव भारत साक्षरता कार्यक्रम शुरू होने के बाद पुरे देश में साक्षरता की दर लगातार बढ़ती जा रही है। यदि हम सभी शिक्षित होंगे तभी हम देश व समाज की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं।अब पुरुषों के साथ ही साथ महिलाओं को साक्षर होना परम आवश्यक है।

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इस अवसर पर शिक्षक रविंद्र द्विवेदी ने कहा कि बिना शिक्षा के इंसान का जीवन व्यर्थ है। निरक्षरों को साक्षर करने के उद्देश्य से ही अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत हुई है। इसलिए सभी लोगों को शिक्षित होना चाहिए यह तभी संभव है जब सभी शिक्षकगण,विद्यार्थी गण,नागरिकरण व समाज के लोग असाक्षर व्यक्ति को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करें, शिक्षा का अलख जगाएं। हम सभी का कर्तव्य है कि हम निरक्षरों के प्रति भेदभाव न कर उन्हें साक्षरता के लिए प्रेरित करें।
शिक्षक उमाशंकर चतुर्वेदी ने छात्रों से कहा कि नई पीढ़ी को प्रेरित करने से ही देश से निरक्षरता व अज्ञानता से निपटा जा सकता है। जब तक हमारे अधिकांश आबादी साक्षर नहीं होगी तब तक गरीबी,अंधविश्वास, लिंगभेद, जनसंख्या बढ़ोतरी जैसी समस्याओं पर काबू पाना असंभव है। अशिक्षा सभी समस्याओं का जड़ है।
श्रीमती निमिषा जेम्स ने अपने उद्गार में कहा कि हमें सबसे पहले प्राथमिक शिक्षा को महत्व प्रदान करते हुए उस पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।क्योंकि जब पेड़ को जड़ से सींचा जाएगा तभी पेड़ फलेगा फूलेगा। इसलिए हमें प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करना होगा। इसके साथ ही हम अपने साथ-साथ आसपास के असाक्षर लोगों को अक्षर ज्ञान,अंक ज्ञान का बोध करायें और उन्हें अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर कराने का अभ्यास करायें।आप सभी विद्यार्थियों के सहयोग से ही साक्षरता के प्रतिशत में वृद्धि संभव है ।अतः हमें साक्षरता के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
शिक्षक सोमनाथ पाण्डेय ने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि साक्षरता में वह क्षमता है जो किसी भी राष्ट्र को विकास की ओर आगे ले सकता है।एक व्यक्ति का शिक्षित होना उसके स्वयं का विकास है वही एक बालिका शिक्षित होकर पूरे घर परिवार को शिक्षित करती है। हमें आज बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी शिक्षित करना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कार्यक्रम का संचालन शिक्षक रविंद्र द्विवेदी ने किया। साक्षरता रैली का निर्देशन शिक्षक रामचंद्र राठौर,सोमनाथ पांडेय, ने किया। रैली को सफल बनाने में मनोज बघेल, सत्यम साहू, विजय यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षकवृंद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम एवं रैली अवसर में विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्रायें भारी संख्या में मौजूद थे।उक्ताशय की जानकारी शिक्षक रविन्द्र द्विवेदी ने दी हैं।

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