
चांपा। नगर पालिका के आगामी चुनावों में अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य होने के बाद दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के दावेदारों में हलचल तेज हो गई है। दोनों पार्टियों से नए-नए चेहरे सामने आ रहे हैं, जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। नगर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और दावेदार जनता के बीच सक्रियता से दिख रहे हैं।
कांग्रेस के संभावित दावेदार – कांग्रेस पार्टी से कई प्रमुख नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है। वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष जय थवाईत और उपाध्यक्ष हरदेव देवांगन इस दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्व नपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, जिला प्रवक्ता एवं पार्षद नागेंद्र गुप्ता, सेवक (बुटु) देवांगन,दीपक गुप्ता और युवा नेता गुलशन सोनी भी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस की ओर से इन सभी नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क तेज कर दिया है।
भाजपा के दावेदार – वहीं, भाजपा से भी कई वरिष्ठ नेता अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। पूर्व नपाध्यक्ष प्रदीप नामदेव, नारायण मित्तल और लक्ष्मीचंद देवांगन जैसे नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। हालांकि, भाजपा को पिछले दो कार्यकालों में निष्क्रियता के आरोपों का सामना करना पड़ा है, जिससे नगर की जनता में असंतोष बढ़ा है। इस बार पार्टी नेतृत्व को इस नाराजगी को दूर करने की चुनौती होगी।
चुनाव की चुनौती – चांपा नगर पालिका में पिछले दो कार्यकालों से कांग्रेस का दबदबा रहा है, जबकि भाजपा की स्थिति कमजोर रही है। भाजपा की नगर मंडल और विपक्षी नेताओं की निष्क्रियता ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां किसे टिकट देती हैं और कैसे रणनीति बनाती हैं। नगर की जनता का मूड और उम्मीदवारों की सक्रियता इस चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।
अभी तक के घटनाक्रम से स्पष्ट है कि दोनों दलों के दावेदारों के बीच कांटे की टक्कर होगी, और यह चुनाव नगर के राजनीतिक भविष्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।