कोरबाछत्तीसगढ़

कलयुग के श्रवण कुमार, कोरबा के सपूत, प्रकृति माता के लाल, छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र वनस्पति वैज्ञानिक स्व. पवन कौशिक चौक का अनावरण कल…

0 भारत सरकार से वनस्पति जगत के सर्वोच्च सम्मान ब्रैंडिस पुरस्कार से थे सम्मानित…

WhatsApp Image 2025 10 13 at 10.02.11 Console CorptechWhatsApp Image 2025 10 01 at 13.56.11 Console Corptech

कोरबा के तरदा ग्राम में जन्में, भारत सरकार के विभिन्न उपक्रमों में अपनी सेवा दे चुके वैज्ञानिक पवन कौशिक का देहांत कोविड की दूसरी लहर में हुई, उन्हें अपने बूढ़े माता-पिता के कोरोना से गम्भीर रूप से संक्रमित होने की जानकारी जैसे ही प्राप्त हुई, तत्काल अगरतला त्रिपुरा से तरदा कोरबा आकर अपने माता पिता की सेवा कर उन्हें बचा लिए, लेकिन वे स्वयं कोरोना की चपेट में गंभीर रूप से आ गए और कुछ ही दिनों में वे भौतिक शरीर को छोड़ गौ लोक गमन कर गए।

WhatsApp Image 2025 10 01 at 21.40.40 Console Corptech

उनका हमारे बीच से एकाएक चले जाने से उनकी अनेक परियोजनाओं पर काम करने की सोंच पर विराम लग गया। परन्तु उनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे संस्थाओं के प्रमुखों ने उनके विचारों को धरातल पर उतारने का कार्य आरंभ कर दिया। भारत सरकार के वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के विभिन्न पदों पर सेवा दे रहे कौशिक जी गुरु घांसीदास विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर वनस्पति विज्ञान के जगत में भारत सरकार के सर्वोच्च सम्मान ब्रैंडिस पुरस्कार से सम्मानित हुए, उनके किये शोध का डंका भारत के साथ साथ विदेशों में बज रहा, उन्होंने अनेकों अंतराष्ट्रीय समिट में भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शिरकत की जिनमें से प्रमुख देशों में अमेरिका, चीन, नेपाल के समिट महत्वपूर्ण रहें, उनके रिसर्च और कार्य को देखने समझने के लिए विश्वभर के वैज्ञानिक आज भी उक्त अनुसंधान केंद्रों पर आते है। वे सन 1991-2001 तक टी एफ आर आई जबलपुर में वैज्ञानिक के पद पर रहे, सन 2001-2012 तक आई एफ आर आई, जोरहाट आसाम में वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख के पद पर रहे, 2012 से 2021 तक एफ आर सी एल ई, अगरतला, त्रिपुरा में रीजनल डायरेक्टर एवं संस्था प्रमुख रहें। उनका चिंतन नित सर्वसमाज के हित में रहता, चरामेति फाउंडेशन, दिशा फाउंडेशन, एकात्म कलार युवामंच, सशक्तिकरण एवं पारिस्थितिक विकास संस्था के वे संस्थापक सदस्य रहे, चरामेति फाउंडेशन और दिशा फाउंडेशन के सभी परियोजनाओं को साकार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, उनके प्लान किये प्रकल्पों से आज नित लाखों जरूरतमंद लोग प्रतिवर्ष लाभान्वित हो रहे, अगरतला, जोरहाट, और पूर्वोत्तर राज्यों के वन्य ग्रामों में लाखों किसानों का समूह बनाया वन आधारित उनके आजीविका के विस्तार के लिए एक लीडर की तरह कार्य करते रहे आज उनके बनाये मॉडल और रिसर्च पर सभी किसान पर्यावरण को संरक्षित करते हुए अपनी आजीविका का बेहतर इंतजाम कर पा रहे हैं। वृक्ष सेवा विश्व सेवा अभियान एक बहुत बड़ा प्रकल्प उन्होंने चरामेति फाउंडेशन के साथ 10 जनवरी 2017 को आरम्भ किया, आज उनके पूर्व में लिए संकल्पों को पूरा करने के उद्देश्य से 1 लाख वृक्ष ग्राम तरदा हसदेव नदी के किनारे लगाए जा रहे है, 1.5 वर्ष में आज 2700 से ज्यादा पौधे वृक्ष बनने जा रहे, नित इस अभियान में पौधा रोपण जारी है, 12 जनवरी को उनकी स्मृति में विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम रखा गया है। उनके प्रकल्पों, समाज के प्रति चिंतन को अमर करने के लिए, ग्राम तरदा के सभी ग्रामवासियों ने एकात्म कलार युवामंच, चरामेति फाउंडेशन, प्रगतिशील जायसवाल (कन्नौजिया कलार) समाज के सहगोग से एक चौक ग्राम के मुख्य द्वार पर समर्पित करने जा रहा है। आइये कोरबा जिले के सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करने 12 जनवरी को गांधी चौक तरदा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर उनके अमर विचारों को स्मरण करें और मानवता के उन्नति की दिशा में आगे बढ़े है इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ननकीराम कंवर विधायक रामपुर विधानसभा पूर्व गृह मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्ष डॉ, अनिल जायसवाल विशिष्ट धनवेंद्र जायसवाल जन सूचना आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन, रामगोपाल डीकसेना, प्रगतिशील जायसवाल,(कन्नौजिया कलार) जायसवाल अध्यक्ष देव कौशिक, उमाशंकर जायसवाल जी प्रदेश अध्यक्ष हैहया क्षेत्रीय कल्चुरी कलार समाज छत्तीसगढ़ राधेश्याम जायसवाल चेयरमेन राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड भारत सरकार , पुष्पा कौशिक, उपसरपंच तरदा, अमृत कौशिक, रामेश्वर कौशिक, फुलसाय पटेल चतुर सिंह कंवर गरीमामय उपस्थित में सम्पन होंगे।

Related Articles