Uncategorized

छत्तीसगढ़: 10 हजार मेगावाट अधिक बिजली उत्पादन की तैयारी करे –  पी. दयानंद

img 20240525 wa00052723100061399473982 Console Corptech

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ पाॅवर कपनीज के अध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ शासन के ऊर्जा सचिव पी.दयानंद ने छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी के कामकाज, प्रचलित और भावी परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने लगभग 10 हजार मेगावॉट विद्युत उत्पादन की संभावनाओं की चर्चा की तथा विभिन्न परियोजनाओं के कार्य आगे बढ़ाने हेतु निर्देश दिये।श्री दयानंद ने डंगनिया, रायपुर स्थित मुख्यालय में यह बैठक ली जिसमें एम.डी. जनरेशन एस.के. कटियार द्वारा पाॅवर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारियां दी गई।

वर्ष 2023-24 की उपलब्धियों को श्री दयानंद ने सराहनीय बताया तथा इसकी निरंतरता बनाये रखने के लिये समुचित मार्गदर्शन दिया। हमारे ताप बिजली घरों का देश के स्टेट सेक्टर यूटिलिटीज में अव्वल आना गौरव का विषय है । वर्ष 2023- 2024 में अनाकेंक्षित आंकड़े के अनुसार 800 करोड़ रूपए से अधिक आय की संभावना पर श्री दयानंद ने प्रसन्नता जताई ।उन्होंने 2×660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत विस्तार परियोजना कोरबा पश्चिम, 1×660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत विस्तार परियोजना मड़वा की प्रगति की समीक्षा की। कोरबा पूर्व में 440 मेगावाट की बंद परियोजनाओं की भूमि पर नये बिजली घर लगाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श कर निर्देश दिए।

img 20240525 wa00063983660750129514665 Console Corptech
भावी छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी के कामकाज की समीक्षा करते ऊर्जा सचिव …


पी. दयानंद ने पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं से लगभग 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वृद्धि के लिये आवश्यक मार्गदर्शन दिया। सोलर पीबी आधारित लगभग 1000 मेगावाट विद्युत उत्पादन की संभावनाओं पर भी कार्य आगे बढ़ाने के निर्देश श्री दयानंद ने दिये। ताप बिजली घरों से निकलने वाली राखड़ के शत प्रतिशत निस्तारण की दिशा में गंभीरता से कार्य करने के निर्देश देते हुये कहा कि पर्यावरण व जनस्वास्थ्य की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये । उल्लेखनीय है कि विगत वित्तीय वर्ष में कुल उत्पादित राखड़ के 81 प्रतिशत का निस्तारण किया गया था

पी. दयानंद ने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ नियमानुसार होनी चाहिए। भर्ती की कार्य भी मिशन मोड पर हो, जिसका लाभ बेहतर कार्य निष्पादन के रूप में मिलेगा। पाॅवर कंपनीज की संपत्तियों पर किसी का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, नियमानुसार कार्यवाही कर उन्हें सख्ती से हटाया जायेगा । वहीं रिक्त पड़ी भूमि के सकारात्मक और उत्पादक उपयोग के संबंध में भी योजना बना कर कार्य करना चाहिए।

Related Articles