बीडीएम अस्पताल में बीती रात फिर दिखी लापरवाही, घायल युवक को नर्सों ने दिया इलाज, डॉक्टर नदारद …


चांपा। बीडीएम अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही को लेकर सुर्खियों में है। अस्पताल में डॉक्टरों की कार्यशैली को लेकर आम जनता ही नहीं, जनप्रतिनिधि भी अब खुलकर सवाल उठाने लगे हैं। हाल ही में सर्पदंश के एक मामले में इलाज में देरी के चलते मासूम बच्चे की मौत हो गई, लेकिन इससे भी डॉक्टरों ने कोई सबक नहीं लिया।


इस घटना के बाद भाजपा नेताओं ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों से जवाब-तलब किया और मामले को मीडिया में उठाया। दबाव बढ़ने पर सिविल सर्जन एस. कुजूर और चांपा एसडीएम सुमित बघेल ने बीडीएम अस्पताल का निरीक्षण कर जांच शुरू की और लापरवाही की पुष्टि करते हुए कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद अब तक किसी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
“काम करो तो मरना, ना करो तो भी मरना”, स्टाफ की बेबसी – बीती रात चांपा निवासी कृष्णा सहिस (29 वर्ष) घायल अवस्था में बीडीएम अस्पताल पहुंचे। सिर से खून बह रहा था, पर मौके पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। स्टाफ नर्स ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर से फोन पर संपर्क कर इलाज शुरू किया और सिर पर चार टांके लगाए। बताया जा रहा है कि डॉक्टर नवल किशोर धुर्वे रात करीब 11 बजे भाजपा नेताओं के फोन कॉल के बाद ही अस्पताल पहुंचे, अन्यथा वे शायद ही आते।
जनता और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश – बार-बार की लापरवाही और निरीक्षण के बावजूद डॉक्टरों के रवैये में कोई बदलाव न आने से नगर में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यहां “हम न सुधरे हैं न सुधरेंगे” वाली कार्यशैली पर डॉक्टर काम कर रहे हैं। यह जनता के जीवन से सीधा खिलवाड़ है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जनता का गुस्सा कभी भी फूट सकता है।
मांग तेज, दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो – स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि मांग कर रहे हैं कि इस बार महज जांच और आश्वासन से बात नहीं बनेगी। बीडीएम अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दोषी डॉक्टर और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में किसी और की जान ऐसी लापरवाही का शिकार न हो।
🔴 बीडीएम अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। वहां एक दो डॉक्टर और भेजेंगे। वैसे तो यहां डाक्टर ऑनकॉल ड्यूटी पर रहते है। कल रात जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी उनसे मैं बात करता हूँ ऐसा नही होना चाहिए – एस कुजूर,सिविल सर्जन।