करोडों खर्च करने के बावजूद चांपा का ऐतिहासिक रामबांधा तालाब बना कूड़ेदान,गंदगी और बदबू से बढ़ा चर्मरोग का खतरा, जाते जाते तालाब का एक बार मुआयना करने जनता की अपील …

चांपा। कभी रामबांधा तालाब शहर की जीवनदायिनी हुआ करता था लेकिन अभी गंदगी और कचरा डंप करने का सुलभ स्थल के रूप में उपयोग हो रहा है।पिछले कार्यकाल के आखिर में लाखों की लागत से गहरीकरण कराया गया था जबकि उसके पूर्व करीब 8 करोड़ की लागत से सौन्दर्यीकरण कराने का दावा किया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में खुद रामबांधा तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
- 🔴 क्या पक्ष-विपक्ष की दोस्ती के कारण हुआ ये हाल ,विपक्ष को मानों जैसे सांप सुंध गया हो,पिछले कुछ कार्यकाल से नपा में यही हो रहा है इसीकारण ये दुर्दशा हुई है। जनहित के समस्याओं पर विपक्ष का मौन रहना जनता को नागवार गुजर रही है।
राजस्व रिकार्ड में करीब 99 एकड़ क्षेत्रफल में फैला रामबांधा तालाब शहर का ऐतिहासिक वह तालाब हैं जो लोगों के निस्तार का बहुत बड़ा स्रोत है। तालाब के चारों ओर बड़ी संख्या में लोग निस्तार के लिए तालाब का उपयोग कई दशकों से कर रहे है।पिछले कार्यकाल में करोड़ों की लागत से तालाब का गहरीकरण और सौन्दर्यीकरण कराया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में अभी तालाब उपयोग करने लायक नही रह गया है।शहर में तालाब के विभिन्न घाटों का जायजा लेने पर पता चला कि चुनिंदा कुछ घाटों में कचरों का ढेर दिखा। हालांकि तालाब चारों ओर जलकुंभी और कचरों से अट गया है।तालाब के पानी से बदबू आ रहा है।यहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में तालाब का यह दूषित पानी उपयोग करने लायक नही रह गया है।इस पानी का उपयोग निस्तार करने से चर्म रोग की समस्या उत्पन्न होने से इंकार नही किया जा सकता।इधर नगर पालिका भी कुम्भकर्ण की गहरी निद्रा में है।उन्हें जनता का दुख दर्द दिखाई और सुनाई देना बन्द कर दिया है। फिर जनता अपनी समस्या लेकर किसके पास जाए।

शहर में नही बचा कोई नेता – चांपा शहर की बदहाली यहां के निष्क्रिय नेताओ ने तकदीर में लिख दी है।यही वजह है जनता विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है।लेकिन उनकी आवाज उठाकर उनकी समस्याओं को निराकृत करने वाला नेता शहर में नही बच गया है।वाहवाही लेने के लिए तो यहां शहर से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेता होने का दंभ भरते है। लेकिन धरातल पर निष्क्रियता ही नजर आता है।विपक्ष को तो जैसे सांप ही सुंघ गया है।इसीलिए जनहित के समस्याओं पर भी विपक्ष का मौन रहना जनता को नागवार गुजर रही है।

चुनाव में सबक सीखा सकती है जनता – नगर पालिका चुनाव का काउनडाउन शुरू हो गया है।जनता भी जिस कदर सालों से विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है उसे देखते हुए चुनाव में सबक सिखाने का मन बना चुकी है।इस बार का चुनाव काफी रोचक होने के आसार नजर आ रहा है।कमजोर इच्छाशक्ति और पक्ष-विपक्ष की दोस्ती के कारण शहरवासी सड़क,पानी,बिजली,साफ़ सफाई सहित बुनियादी सुविधाओं के लिए मशक्कत कर रही है।इसे ध्यान में रखते हुए जनता की समस्याओं पर खुद को फोकस करने वाली सरकार के चुनाव के लिए जनता प्रतिबद्ध होते नजर आ रही है।