
चांपा। आईपीएल मैचों के दौरान चांपा नगर में सट्टेबाजी जोरों पर हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्थानीय पुलिस अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। नगरवासियों का कहना है कि पूरे शहर को सट्टे की गतिविधियों की जानकारी है, लेकिन चांपा पुलिस की निष्क्रियता कई सवाल खड़े कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, आईपीएल मैचों में हर गेंद, हर रन पर सट्टा लगाया जा रहा है और यह सट्टा अब ऑनलाइन के साथ आईडी सिस्टम के माध्यम से संचालित हो रहा है। इसका ज्यादा असर नगर के युवाओं पर पड़ रहा है, जो इस अवैध गतिविधि में फंसकर आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से टूटते जा रहे हैं।
युवाओं में बढ़ रहा खतरा – शहर में कई घटनाएं सामने आई हैं जहाँ युवा लाखों रुपये सट्टे में गंवा चुके हैं। कर्ज चुकाने में असमर्थ होने के कारण कई युवा घर में चोरी, आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो गए। नागरिकों का कहना है कि यह स्थिति बेहद गंभीर है और यदि समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो यह आने वाली पीढ़ी को गहरे संकट में धकेल सकती है।
कई वर्षों का टूटा रिकार्ड, इस सीजन अब तक कोई कार्रवाई नही – चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले कई वर्षों में कुछ न कुछ कार्रवाई हुई है लेकिन चांपा थाने में इस सीजन में आईपीएल सट्टेबाजी से संबंधित एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सट्टेबाजों के साथ पुलिस की मिलीभगत है या फिर पुलिस इस बढ़ते अपराध पर नियंत्रण करने में पूरी तरह नाकाम है।
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप – स्थानीय लोगों का आरोप है कि चांपा थाने में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मी सट्टेबाजों से पैसे लेकर उन्हें छोड़ देते हैं। यही नहीं, इन पुलिसकर्मियों पर गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में संलिप्त होने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। इन तमाम गतिविधियों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होना पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन की चुप्पी – जनता और सामाजिक संगठनों की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। यदि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो चांपा में अपराध और युवाओं की बर्बादी का सिलसिला और भी विकराल रूप ले सकता है।