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वार्ड आरक्षण तय होते ही चांपा शहर में राजनीतिक सरगर्मी तेज …

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जांजगीर-चांपा। जिले के तीन प्रमुख नगर पालिका क्षेत्रों में वार्डों का आरक्षण तय होने के साथ ही चांपा शहर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। आरक्षण की घोषणा के बाद जहां कई दावेदारों को निराशा हाथ लगी, वहीं कुछ नए चेहरों के लिए अवसरों के द्वार खुल गए हैं। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और संभावित प्रत्याशी अब वार्डों में सक्रियता दिखाने लगे हैं और अपनी दावेदारी की तैयारियों में जुट गए हैं।

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चांपा नगर पालिका क्षेत्र में वार्ड आरक्षण घोषित होने के बाद कई पुराने दावेदारों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। कई ऐसे दावेदार, जो एक विशेष वार्ड से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, उन्हें अब नए वार्ड की तलाश करनी पड़ रही है। इसके विपरीत, कुछ दावेदारों के लिए यह आरक्षण वरदान साबित हुआ है और वे अपने वार्ड में सक्रिय हो गए हैं।आरक्षण की घोषणा के बाद चांपा शहर के हर गली-मोहल्ले में चर्चा का माहौल बन गया है। प्रत्याशी संभावित मतदाताओं से मुलाकात कर रहे हैं और अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। चाय दुकानों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर राजनीतिक बहसें और चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं।कई दावेदार वार्डों में घूम-घूमकर जनता से संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुनने के साथ-साथ अपनी योजनाओं और वादों को साझा कर रहे हैं। शहर में जगह-जगह बैनर, पोस्टर और पर्चों के माध्यम से भी प्रचार अभियान तेज हो रहा है। खासकर युवा और नए प्रत्याशी सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

आरक्षण की घोषणा के बाद जिन दावेदारों का वार्ड आरक्षित हो गया है, वे अब नए वार्ड में अपनी किस्मत आजमाने की योजना बना रहे हैं। वहीं, कुछ दावेदारों ने इस स्थिति में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन मांगना शुरू कर दिया है। कई दावेदार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर नई रणनीति बना रहे हैं।इस बार चुनाव में महिलाओं और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित वार्डों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। कई महिलाएं भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं, जिससे चुनाव में मुकाबला और दिलचस्प होने की संभावना है।राजनीतिक दलों ने भी आरक्षण की घोषणा के बाद अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। प्रमुख दलों के नेता जल्द ही अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने की तैयारी में हैं। चांपा की जनता को उम्मीद है कि इस बार चुनावी प्रक्रिया में विकास के मुद्दे प्रमुख होंगे और स्थानीय समस्याओं का समाधान करने वाले जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे।

कुल मिलाकर वार्डों के आरक्षण के बाद चांपा शहर में चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया है। हर गली-मोहल्ले में राजनीति की चर्चा है और आने वाले दिनों में यह हलचल और बढ़ने की संभावना है।

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