
जांजगीर-चांपा। जिले में जून माह का बिजली बिल उपभोक्ताओं के लिए चिंता का कारण बन गया है। कई उपभोक्ताओं के अनुसार उन्हें उनके औसत खपत से दोगुना या उससे अधिक बिल मिला है। इस असमानता को लेकर बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिजली विभाग कार्यालय पहुंच रहे हैं, मगर विभाग का जवाब उन्हें और परेशान कर रहा है।
बिजली विभाग का कहना है कि उपभोक्ताओं के घरों में लगाए गए नए प्री-पेड स्मार्ट मीटर की वजह से भार क्षमता (लोड) स्वतः अपडेट हो रही है। जिससे उनकी वास्तविक खपत के अनुसार किलोवॉट क्षमता बढ़ रही है और उसी अनुपात में बिल भी बढ़ा है। विभाग का तर्क है कि पहले उपभोक्ता जानबूझकर कम किलोवॉट का कनेक्शन लेते थे ताकि कम शुल्क लगे। लेकिन अब नए मीटर तीन महीने की औसत खपत के आधार पर वास्तविक आवश्यकता दर्शा रहे हैं।
नैला जोन के एई सौरभ कश्यप ने बताया कि उपभोक्ताओं से शिकायतें आ रही हैं, लेकिन उन्हें समझाया जा रहा है कि बढ़ी हुई भार क्षमता के कारण अतिरिक्त शुल्क जुड़ रहा है, जबकि खपत के अनुसार ही बिल बनाया गया है।
एक उदाहरण में सामने आया कि जहां पहले किसी उपभोक्ता का किलोवॉट लोड 1.80 था, वहीं जून माह के बिल में यह बढ़कर 3 किलोवॉट हो गया है। इससे उपभोक्ता का बिल करीब 1400 से 1500 रुपये अधिक आया है।
गौरतलब है कि शहर में अभी प्री-पेड सिस्टम पूर्ण रूप से लागू नहीं हुआ है, लेकिन मीटर डेटा अपडेट होने से उपभोक्ताओं की वास्तविक खपत और भार क्षमता सामने आने लगी है।इस तकनीकी बदलाव से उपभोक्ता जहां असहज हैं, वहीं बिजली विभाग इसे पारदर्शिता की दिशा में कदम बता रहा है।
हालांकि आम उपभोक्ताओं की मांग है कि इस बदलाव से पहले उचित जागरूकता और मार्गदर्शन देना चाहिए था, ताकि वे इसके लिए मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार रहते।