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पं. दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ द्वारा विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान समारोह का हुआ भव्य आयोजन …

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🔴 छत्तीसगढ़ जांजगीर चांपा जिले के श्रीमती कुमुदिनी द्विवेदी एवं रविन्द्र द्विवेदी को विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट मानद उपाधि से किया गया सम्मानित।द्विवेदी दंपति अब डॉ कुमुदिनी द्विवेदी एवं डॉ रविन्द्र द्विवेदी के नाम से जाने जायेंगे।

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पं. दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ द्वारा 24जुलाई को कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया विट्ठल भाई पटेल सभागार में मुख्य अतिथि पद्मश्री माननीय डॉ. अरविन्द कुमार जी,
पूर्व कुलपति रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी,विशिष्ट अतिथि माननीय डॉ. स्वर्णलता पांचाल जी रिसर्च साइंटिस्ट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स नई दिल्ली अध्यक्षता माननीय डॉ. इन्दु भूषण मिश्रा जी कुलपति पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ, और मुख्य वक्ता माननीय सुश्री दीपा मिश्रा जी सुप्रसिद्ध कथावाचिका वृन्दावन धाम मथुरा एवं डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही राष्ट्रीय पर्यावरण विद् एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी बागबाहरा महासमुंद छत्तीसगढ़ की गरिमामय उपस्थिति में विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट मानद उपाधि सम्मान समारोह का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले से श्रीमती कुमुदिनी द्विवेदी एवं रविन्द्र द्विवेदी चांपा, जांजगीर-चांपा को विद्या वाचस्पति सारस्वत मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस भव्य आयोजन में शिक्षा,साहित्य, समाज,महिला सशक्तिकरण, पत्रकारिता आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार प्रकट किए और शिक्षा के महत्व पर बल दिया। माननीय डॉ. अरविन्द कुमार जी ने अपने संबोधन में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वहीं, माननीय डॉ. स्वर्ण लता पांचाल जी ने शिक्षा के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुश्री दीपा मिश्रा जी ने अपने संबोधन में शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का संकलन नहीं है, बल्कि यह समाज को दिशा देने का माध्यम भी है।
उल्लेखनीय है कि विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित श्रीमती कुमुदिनी द्विवेदी ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचार किए हैं, और उनके शिक्षा एवं साहित्य पर लेखन ने शिक्षा साहित्यिक जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उनके द्वारा लिखित पुस्तकों और लेखों ने समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है, और उन्होंने अनगिनत छात्रों को प्रेरित किया है।
श्रीमती द्विवेदी लायनेस क्लब चांपा के अध्यक्ष/सचिव रहते हुए महिला सशक्तिकरण,नारी शिक्षा,बालिका शिक्षा,व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में अनवरत योगदान दिये है जिसके लिए उन्हें महामहिम राज्यपाल के हाथों श्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान 2004 से नवाजा गया है। उल्लेखनीय है श्रीमती कुमुदिनी द्विवेदी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला साक्षरता अधिकारी जांजगीर चांपा के रूप में अपने सेवा दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर चुकी हैं और अनेकों सम्मान एवं अलंकरण से सम्मानित हैं।
विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित रविन्द्र द्विवेदी ने शिक्षा साहित्य लेखन एवं समाज सेवा के
क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है।
वें विभिन्न शैक्षणिक,साहित्यिक,सामाजिक संगठनों, के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। उनकी सेवाएं और समर्पण समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं। इनके अनेक धार्मिक साहित्यिक,शैक्षिक लेख एवं रचनाएं विभिन्न समाचार-पत्रों एवं साहित्यिक ग्रंथों में प्रकाशित किए जा चुके हैं। इन्हें शिक्षा साहित्य के क्षेत्र में अनेकों बार सम्मानित एवं पुरस्कृत किए गए हैं।
पं दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ मथुरा से श्रीमती कुमुदिनी द्विवेदी एवं रविन्द्र द्विवेदी को विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान (डाक्टरेट की मानद उपाधि) से सम्मानित किए जाने पर प्रेस क्लब चांपा के अध्यक्ष कुलवंत सिंह सलूजा एवं समस्त पदाधिकारी चांपा निराला साहित्य मंडल,अक्षर साहित्य परिषद एवं समस्त साहित्यिक संस्थान चांपा, समस्त शैक्षणिक संस्थान चांपा, लायंस लायनेस क्लब चांपा एवं विभिन्न सामाजिक साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

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