लोड अधिक होने से भीषण गर्मी में बिजली की गंभीर हुई समस्या, एक और सब स्टेशन के लिए नपाध्यक्ष व जेई ने किया स्थल निरीक्षण…
चांपा। मई माह में आसमान से जहां शोले बरस रहे हैं तो वहीं बिजली की आंख मिचौली ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। शहर में सब स्टेशन की किल्लत है, जिसके चलते बिजली आपूर्ति की समस्या सालों से बनी हुई है। इस समस्या को दूर करने के लिए नगरपालिका अध्यक्ष जय थवाईत, उपाध्यक्ष हरदेव देवांगन और जेई महेश जायसवाल ने शहर के अंबेडकर भवन के पीछे सहित अन्य चार जगहों का निरीक्षण किया। सिविल विभाग से अप्रुवल मिलने के बाद स्थल चयन हो जाएगा। फिर सब स्टेशन की स्थापना के बाद शहर में बिजली आपूर्ति की समस्या काफी हद तक निराकृत हो जाएगी।
जिले का प्रमुख शहर चांपा कुछ सालों से अनियमित बिजली आपूर्ति की गंभीर समस्या से जुझ रहा है। अभी हनुमानधारा सब स्टेशन से विद्युत आपूर्ति होती है, लेकिन यहां ट्रिपिंग की समस्या है। यहां अर्थिंग की समस्या और जमीन के भीतर पत्थर होने से अक्सर लाइन में डिस्टर्ब आते रहता है। साथ ही एक सब स्टेशन होने से लोड अधिक हो जाता है, जो उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त नहीं है। इस वजह से दिन में कई बार लाइट गुल हो जाती है और इस भीषण गर्मी में लोग घंटों पसीने से तरबतर होते रहते हैं। शहर में एक सब स्टेशन की स्थापना और हो जाती है तो लोगों को काफी हद तक राहत मिल जाएगी। खास बात यह है कि सालों में भी एक और सब स्टेशन के लिए शहर में जगह नहीं मिल पाई, जिसके चलते 14 हजार से अधिक उपभोक्ता और उनका परिवार बिजली की इस गंभीर समस्या से जुझ रहे हैं। इस दिशा में आज नगरपालिका अध्यक्ष जय थवाईत, उपाध्यक्ष हरदेव देवांगन और जेई महेश जायसवाल ने सब स्टेशन स्थापना के लिए स्थल का जायजा लिया। नपाध्यक्ष ने शहर के अंबेडकर भवन के पीछे सहित अन्य चार जगहों का जेई को निरीक्षण कराया, जहां स्थल चयन किया जा सकता है। सब स्टेशन के लिए स्थल देखने के बाद जेई ने कहा कि सिविल विभाग के अधिकृत अधिकारी कर्मचारी को भी एकबार स्थल अवलोकन कराया जाएगा। उनकी मंजूरी मिलने के बाद इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा।
सब स्टेशन के लिए 6 करोड़ सेंशन – विद्युत वितरण कंपनी चांपा शहर में एक और सब स्टेशन स्थापना करने को लेकर गंभीर है। इसके लिए कंपनी लंबे समय से पत्राचार भी कर रही है। बताया जा रहा है शासन से शहर में एक और सब स्टेशन स्थापना के लिए 6 करोड़ रुपए की मंजूरी भी मिल गई है। लेकिन स्थल चयन व स्वीकृति नहीं मिलने से लोगों को विद्युत की गंभीर समस्या से जुझना पड़ रहा है।