
जांजगीर-चांपा। सिवनी नैला गौरव ग्राम में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं का भारी उत्साह देखने को मिला। कथा स्थल भक्तिमय वातावरण और श्रद्धालुओं के भक्ति भाव से गूंजायमान रहा।प्रमुख वक्ता की वाणी से मंत्रमुग्ध हुए भक्त कथा वाचक आचार्य प्रवीण मिश्रा ने तीसरे दिन अपनी मधुर वाणी और प्रेरणादायक व्याख्यान से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने धार्मिक कथा के गूढ़ अर्थों को सरल भाषा में समझाकर श्रद्धालुओं को अध्यात्म के करीब लाने का प्रयास किया।
यजमानों की भूमिका रही अहम- आयोजन के मुख्य यजमान रामनारायण वस्त्रकार और सुनीता वस्त्रकार ने इस धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। उनके समर्पण और सहयोग के कारण आयोजन दिन-प्रतिदिन भव्य और प्रेरणादायक होता जा रहा है।
आज की कथा के मुख्य प्रसंग – तीसरे दिन की कथा में आचार्य प्रवीण मिश्रा ने निम्नलिखित प्रमुख प्रसंगों का वर्णन किया।सृष्टि उत्पत्ति की कथा: सृष्टि की रचना और उसके पीछे छिपे आध्यात्मिक तत्वों का वर्णन किया गया। वराह अवतार: भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा ने श्रद्धालुओं को धर्म और सत्य के प्रति प्रेरित किया। सती-ध्रुव चरित्र: सती और ध्रुव के जीवन प्रसंगों के माध्यम से भक्ति, निष्ठा और दृढ़ संकल्प के महत्व को रेखांकित किया गया।श्रद्धालुओं ने पूरे मनोयोग से कथा श्रवण किया और धार्मिक संदेशों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।आगामी दिनों का कार्यक्रम- कथा के आगामी दिनों में भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, गीता के उपदेश, और अन्य गूढ़ प्रसंगों का विस्तृत वर्णन सुनने का अवसर मिलेगा। विशेष रूप से माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, और रासलीला जैसे प्रसंगों का वर्णन भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करेगा।
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ – आयोजन में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या यह प्रमाणित करती है कि यह धार्मिक आयोजन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान कर रहा है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का माध्यम भी बन रहा है।