सांप की तरह जमीन में लिपटते नजर आए भक्त,नगमत की वर्षों की पुरानी परंपरा आज भी बरकरार …
जांजगीर चांपा। नाग पंचमी का त्यौहार देश भर मे अलग अलग तरीके से मनाया गया, कही नाग पंचमी के दिन आखाड़ा का आयोजन तो कहीं आदमी नाग का रूप लेकर नगमत भी करते नजर आए , और मंत्र के माध्यम से सर्प को नियंत्रित करने का प्रदर्शन करते रहे, वैसे नगमत की परंपरा जांजगीर चांपा जिले मे खास रूप से मनाया जाता है।
जांजगीर चांपा जिले मे नाग पंचमी का त्यौहार मनाने की अपनी अलग ही परम्परा है, यहां किसान खेती किसानी का काम पूरी तरह रोक देते है और धरती पर हल ही नहीं बल्कि कोई भी लोहे के औजार को जमीन मे नहीं गड़ाते है, नागपंचमी के दिन कच्चा दूध और लाइ को खेतो मे रखने की परम्परा है, जिसे किसान सुबह से ही नाग को दूध पिलाने के उद्देश्य से दूध लाइ लेकर खेतो मे पहुंचते है, जांजगीर चांपा जिला मुख्यालय से लगे ग्राम खोखरा मे भी नागपंचमी के अवसर पर खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे ग्रामीण नगमत कहते है।
इसके लिए पहले मिट्टी कीचड़ युक्त मैदान बनाया जाता है और मांदर, झाँझ की धुन पर बाजा बजाया जाता है इसके साथ ही अग्नि मे हवन और मन्त्रोंचार के बाद शुरु होता है, इस नगमत में इंसानों के द्वारा सांपो की तरह व्यवहार करना,गीली मिट्टी के बने मैदान मे आदमी अपना सुध बुध खो कर सांप की तरह लोट मारना शुरु करते है और उसे फिर से मानव रूप मे लाने और शांत करने के लिए बैगाओ की टोली मंत्रो की जाप करते है,यह परंपरा ग्रामीण इलाकों में कई वर्षों से चली आ रही हैं।